तीन पारियों में ‘आत्मनिर्भर’ रहे शिवराज का शुक्राना अंदाज़ !
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तीन पारियों में ‘आत्मनिर्भर’ रहे शिवराज का शुक्राना अंदाज़ !

कोरोना कथा के बीच जब इंदौर में वरिष्ठ पत्रकार कीर्ति राणा ने मुख्यमंत्री शिवराज से पुछा आजकल आप कैलाश विजयवर्गीय और नरोत्तम मिश्रा के साथ दोस्ताना क्यों ? पढ़े सीएम का जवाब

इंदौर… चौथी बार सीएम बनने के बाद पहली बार इंदौर आए शिवराज सिंह चौहान मीडिया से चर्चा में कोरोना की रोकथाम में सरकार की उपलब्धियां बता रहे थे। इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह की भी तारीफ कर रहे थे।

इसी बीच आयुक्त जनसंपर्क सुदाम खाड़े ने जब मेरा नाम सवाल करने के लिए पुकारा तो मैंने कैलाश विजयवर्गीय, नरोत्तम मिश्रा के प्रति बदले व्यवहार के साथ फ्री हैंड नहीं होने संबंधी प्रश्न पूछ लिया। ऐसे अनपेक्षित प्रश्न की उम्मीद उन्हें भी नहीं थी। उन्होंने संतुलित जवाब भी दिया और इस सवाल जवाब के बाद पीसी में सवालों की धारा ही बदल गई।

पीसी में ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रति तो उनके बोल बचन से लेकर बॉडी लैंग्वेज तक में शुक्रगुजारी के भाव नजर आ रहे थे लेकिन इससे कहीं अधिक वे कैलाश विजयवर्गीय के प्रति आत्मीयता दिखा रहे हैं। तेरह साल तक सीएम रहते किसी मंत्री के निवास पर नहीं गए लेकिन इस बार अपने सहयोगी गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा के निवास पर चाय-नाश्ता करने भी जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री से जब पूछा कि उनके इस बदले रूप का कारण चौथी बार फ्री हैंड नहीं मिलना है क्या तो उनका कहना था ऐसी कोई बात नहीं है।मैंने जब से होश संभाला और राजनीति में सक्रिय हुआ तब से एबीवीपी से लेकर युवा मोर्चा तक में कैलाश जी और मेरी जोड़ी रही है। हमारी टीम में जो लोग रहे अब वे देश और प्रदेश में पार्टी को लीड कर रहे हैं फिर चाहे वे जेपी नड्डा हों या वीडी शर्मा।

हम दोनों के रिश्ते पर कोई नजर नहीं लगा सकता। रही बात नरोत्तम जी की तो वो बहुत दिनों से नाश्ता करने के लिए कह रहे थे।अपने सहयोगी मंत्री के यहां नाश्ता करने जाने पर क्यों आपत्ति होना चाहिए?

सीएम ने कैलाश जी की तारीफ करते हुए आत्मनिर्भर मप्र कार्यक्रम में यह भी कहा कि अपनी शैली से कैलाश जी ने मप्र का दिल तो जीता ही है, पं बंगाल की जिम्मेदारी मिली तो वहां भी में झंडे गाड़े हैं।उनसे पहले सीएम की तारीफ में विजयवर्गीय ने भी कसर नहीं छोड़ी।

मेरी शिवराज जी से रोज बात होती रही है।कोरोना की रोकथाम के उपाय में मैंने जो कहा वो माना, जिस अधिकारी का बोला, उसे भेजा। मजदूर पैदल-भूखे न जाए, उनके लिए ढाई हजार बसें लगवा दी।बंगाल के दस हजार मजदूरों के लिए तीन ट्रेन के साथ भोजन की व्यवस्था की।

इंदौर में 100 से ज्यादा मौतें नहीं होती यदि पंद्रह दिन पहले आप शपथ ले लेते।आप पहली बार आए हैं लेकिन दूर से कोरोना प्रणाम कर के मन नहीं भरा, हालत सुधर जाए फिर आपके स्वागत का बड़ा कार्यक्रम रखेंगे।

सही समय पर सही पार्टी में आए तुलसी: अभय प्रशाल के कार्यक्रम में जब जल संसाधन मंत्री सिलावट अपने भाषण में प्रधानमंत्री की उपलब्धियों, शिवराज सिंह के नेतृत्व को सर्वोत्तम बता रहे थे तो बाद में कैलाश विजयवर्गीय ने अपने भाषण में कहा मुझे उनके भाषण से लग रहा था कि मैं भाजपा में नया हूं और वे पुराने।इस पर सीएम ने कहा तुलसी सही समय में सही पार्टी में आ गए

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