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भोपाल /दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (#BJP) को मुसलमान नहीं सुहाते। खासकर चुनावी मैदान में। बाकी दूसरी सभी जगह सबका साथ,सबका विकास तो है ही। मुस्लिम बीजेपी संगठन में भी हैं। बीजेपी के प्रवक्ता भी हैं। कुछ नेताओं और बीजेपी के बीच बेहद याराना भी दिखता है। चुनावी मैदान में मुस्लिमों पर बीजेपी को भरोसा नहीं। खुद बीजेपी का कहना है इनसे वोट नहीं मिलते। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने एक भी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया था। इस बार थोड़ा माहौल बदला सा है।
बीजेपी ने केरल में एक मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट दिया है। कालीकट यूनिवर्सिटी के पूर्व वाइस चांसलर और मृदा प्रबंधन विशेषज्ञ अब्दुल सलाम को बीजेपी ने 2024 के लिए टिकट दिया है। वे केरल का मलप्पुरम संसदीय सीट से लड़ेंगे। ये इंडियन मुस्लिम लीग का गढ़ है। यहाँ से आजतक कोई दूसरा उम्मीदवार नहीं जीता।
मुस्लिमों में भी बीजेपी और मोदी को लेकर कोई ख़ास सम्मान नहीं है। जो भी दिखता है वो सिर्फ राजनीतिक दिखावा है। पर सलाम एक ऐसे शख़्स हैं जो प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ़ करते नहीं थकते। सलाम कहते हैं, मोदी एक ऐसे शख़्स हैं जिन्होंने मुझे मंत्रमुग्ध कर दिया है।
खुद पढ़िए मोदी को सलाम करने वाले अब्दुल क्यों मोदी के फैन हैं
- पूरी दुनिया मोदी जी के आसपास घूम रही है. ये उनकी शख़्सियत, उनकी सोच, उनका मिशन और उनके काम की ताक़त है. उनके मन में सबको साथ लेकर चलने का भाव है। वह पूरे देश को एक नज़र से देखते हैं। आप ऐसे किसी दूसरे नेता का नाम लीजिए, मैं उनके साथ खड़ा हो जाऊंगा। मैंने पिछले 21 सालों से उन्हें गजरात से लेकर दिल्ली तक पहुंचते देखा है.
- मोदी की कथित मुसलमान विरोधी छवि पर सलाम कहते हैं, ये मोदी विरोधी लोगों की ओर से गढ़ा नैरेटिव है। असलियत ये है कि ये सब फर्जी है। मोदी किसी घटना के लिए सीधे तौर पर ज़िम्मेदार नहीं थे।
- मदरसों में जो पढ़ाया जाता है, उसने लोगों का दिमाग़ ख़राब कर दिया है। मां-बाप को जन्नत भेजने से लेकर तमाम दूसरी बातों के ज़रिए दिमाग़ में ज़हर भरा जाता है.इसके चलते कई लोगों ने आतंकवाद का रास्ता चुन लिया है। मेरा काम ये दिखाना है कि मैं निष्पक्ष हूं।
- अब मेरा काम ग़रीबों के दिमाग़ में उनके नेताओं की ओर से भरा गया अंधेरा दूर करके मोदी प्रकाश भरना है। धीरे-धीरे मैं वो बताऊंगा जो पवित्र क़ुरान में लिखा है कि हम सभी को अल्लाह ने बनाया है। उनकी इबादत करो। मौलवी भी बहकाते हैं।
- स्थानीय मुल्लाओं की बातों पर ध्यान देने की ज़रूरत नहीं है कि ये काफ़िर या वो। काफ़िर होता क्या है? जब तक आपने इस्लाम स्वीकार नहीं किया था तब तक आप भी काफ़िर थे। उन्हें काफ़िर रहने दें. मेरा असल काम मोदी के प्रकाश में ये सब अज्ञान ख़त्म करना है।
- मैंने मोदी से अच्छा इंसान नहीं देखा है। वह हिंदू होंगे। लेकिन ये उनकी अयोग्यता नहीं है। वह सनातन धर्म में यकीन रखते हैं। आप देखिए कि क़ुरान में भी ये सब चीज़ें हैं. कुछ मुल्लाओं ने मूल क़ुरान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया है और नौजवानों को भरमा दिया है।
- प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपनी मुलाक़ात के बारे में बताते हुए सलाम कहते हैं, वह मुस्कुराए नहीं लेकिन उन्होंने मुझसे हाथ मिलाया। मैं अब भी उनकी हथेली की कोमलता महसूस कर सकता हूं. मुझे एक ऊष्मा से भरा हुआ अनुभव हुआ।
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