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भोपाल। मध्यप्रदेश में एक मामले में दोषी प्रोफेसर अलवर में कुलपति बने बैठे हैं। उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय में 2019 के घोटाले में जांच में दोषी पाए गए थे प्रोफेसर एसएस पांडेय। इसके बावजूद अब वे अलवर राजस्थान की यूनिवर्सिटी में कुलपति बने हुए हैं। इस मामले में उस वक्त की मध्यप्रदेश की राज्यपालआनंदी बेन पटेल ने भी पांडेय के खिलाफ स्पष्ट आदेश लिखा था। इसके बाद ही पांडेय ने इस्तीफा दिया था।
चार साल पहले का मामला
वर्ष 2019 में उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय में हुई जांच में दाेषी प्रोफेसर एसएस पांडेय पांडेय पर पुस्तकों के भुगतान व कर्मचारियों की भर्ती को लेकर सवाल खड़े हुए थे। जिसकी जांच की गई जिसमें दोषी मानते हुए उन्हें कारण बताओं नोटिस जारी किया गया था। उन्होंने नोटिस का जवाब देने के दूसरे दिन ही इस्तीफा दे दिया।
55 लाख के भुगतान में गड़बड़ी
इस मामले में तीन सदस्यों की जांच कमेटी ने पाया कि विवि की ओर से 25 जून 2015 को 55 लाख तक की पुस्तकों की खरीदी के आदेश हुए जिसका भुगतान आदेश तीन दिन बाद 28 जून को ही कर दिया गया। जांच कमेटी ने कहा कि भुगतान करने की जल्दबाजी संदेहास्पद है। इसी तरह अनुबंध की अवधि समाप्त होने के बाद पुस्तकालय समिति ने उसी फर्म को 70 लाख की पुस्तकों के क्रय करने आ आदेश दिया गया।
अनुबंध भी सादे कागज़ पर
कमेटी कि रिपोर्ट में सामने आया कि एक अनुबंध सादे कागज पर बनाया गया जो वित्त विभाग के आदेशों का उल्लंघन है। कर्मचारियों की भर्ती को लेकर जांच कमेटी ने कहा कि चयन समिति द्वारा 3 नवंबर 2015 को विभिन्न विषयों की चयन सूची तैयार की गई। कुल 209 उम्मीदवार साक्षात्कार के लिए उपस्थित हुए जिनमें से 121 का चयन एक ही दिन में किया जाना युक्ति संगत नहीं है।
भारी दबाव के बाद दिया था इस्तीफा
मध्यप्रदेश राजभवन की ओर से सामाजिक कार्यकर्ता विष्णु चावड़ा को सूचना के अधिकार के तहत उपलब्ध करवाई रिपोर्ट में बताया है कि जांच के बाद 30 जनवरी 2019 को पांडे को कारण बताओं नोटिस जारी कर कहा गया कि 8 फरवरी तक आप जवाब दें कि क्यों ना आपके खिलाफ कुलपति पद का अवत्याग करने का आदेश पारित किया जाए।
पांडे ने 5 फरवरी को पत्र का जवाब दिया और साथ ही अपने पद से त्यागपत्र दे दिया जिसे 7 फरवरी को स्वीकार कर लिया गया। इस कारण सरकार की ओर से पद अवत्याग का आदेश जारी नहीं किया गया।
4 साल बाद बन गए अलवर के कुलपति
प्रोफेसर एसएस पांडेय को 8 मार्च 2023 को राजस्थान के राज्यपाल व कुलाधिपति कलराज मिश्र ने राजर्षि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय का कुलपति इस शर्त के साथ नियुक्त किया कि यह नियुक्ति सक्षम प्राधिकारी द्वारा सतर्कता अनापत्ति प्रस्तुत करने के अधीन होगी। वे आज तक इस पद पर कार्यरत है।
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