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भोपाल। लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल होने शुरू हो गए हैं। बीजेपी के कुछ प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल भी कर दिए। वहीँ कांग्रेस के उम्मीदवारों के नाम तय तय नहीं हो सके हैं। आखिर इसके पीछे कारण क्या हों। सूत्रों के मुताबिक नए प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी उन नामों पर भी सहमत नहीं हैं, जो लम्बे समय से मजबूती से मैदान में डटे हुए हैं। कई सीटों पर प्रत्याशी नहीं हैं, पर झाबुआ, गुना, राजगढ़ जैसी सीट पर नाम घोषित न होना कई सवाल खड़े करता है। इससे एक बात साफ़ है कांग्रेस में नए और पुराने नेतृत्व के बीच लम्बी लड़ाई चल रही है।
इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, झाबुआ, सहित मध्यप्रदेश की 18 लोकसभा सीटों पर मंगलवार को हुई बैठक बेनतीजा रही। अब 21 मार्च को कांग्रेस कैंडिडेट तय होंगे। पार्टी के दिल्ली मुख्यालय में मंगलवार शाम को हुई केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) की बैठक में मध्यप्रदेश के प्रत्याशियों को लेकर चर्चा नहीं हो पाई। सूत्रों के अनुसार चर्चा तो हुई पर भारी असंतोष दिख रहा है।
अरुण यादव जो गुना से लड़ने को तैयार हैं, पटवारी उनको खंडवा में रोकना चाहते हैं। इंदौर सीट पर पटवारी अक्षय बम का नाम बढ़ा रहे हैं, जबकि पार्टी के कई नेता बम को बेहद कमजोर मान रहे हैं। यही हाल राजगढ़ और झाबुआ को लेकर है। कांतिलाल भूरिया सबसे मजबूत पकड़ रखते हैं। माना जा रहा था कि पहली सूची में ही उनका नाम आ जायेगा। पर झाबुआ भी अभी होल्ड पर ही है। इसके पीछे पटवारी और विक्रांत भूरिया के बीच की यूथ कांग्रेस के दौर की अनबन भी है।
अब गुरुवार को एक बार फिर की बैठक होगी। इसमें पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल सहित समिति के तमाम मेंबर मौजूद रहेंगे। मध्यप्रदेश से सदस्य ओमकार सिंह मरकाम शिरकत करेंगे। माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों की लिस्ट जारी हो सकती है।
15 सीटों पर सिंगल नाम तय
एमपी कांग्रेस ने लंबी माथापच्ची के बाद 15 सीटों पर सिंगल नाम तय कर लिए हैं। तीन सीटों पर दो-तीन नाम हैं। मंदसौर में नंद किशोर पटेल के साथ ही दिलीप सिंह गुर्जर का नाम है। ग्वालियर में पूर्व मंत्री लाखन सिंह यादव और पूर्व सांसद रामसेवक सिंह गुर्जर, पूर्व विधायक प्रवीण पाठक के नाम हैं।
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