क्या भिंड कलेक्टर और एसपी मुख्यमंत्री और सिंधिया पर कार्रवाई का साहस कर सकेंगे ?

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मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने दो दिन पहले भाजपा के सदस्यता अभियान में जुटी भीड़ को कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन मानते हुए, भिंड प्रशासन को दोषियों पर कार्रवाई के आदेश दिए हैं

इंदौर। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और मंत्रियों द्वारा लगातार कोरोना प्रोटोकॉल के उल्लंघन पर अदालत सख्त हुआ है। मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने ग्वालियर में हुए भारतीय जनता पार्टी के सदस्यता अभियान पर दो दिन पहले कार्रवाई के आदेश दिए हैं।

क्या भिंड के एसपी और कलेक्टर इस आयोजन में शामिल बड़े नेताओं पर कार्रवाई की हिम्मत दिखा सकेंगे। इस आयोजन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित केंद्रीय मंत्री भी शामिल हुए थे।

कोर्ट ने याचिकाकर्ता हेमंत राणा की याचिका पर सुनवाई करते हुए भिंड कलेक्टर और एसपी को कोरोना के तहत केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों का उल्लंघन करने वाले संबन्धित लोगों के खिलाफ कारवाई करने के आदेश दिए हैं।

मालूम हो कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में भाजपा ने ग्वालियर के सदस्यता अभियान में 76000 कोंग्रेसियों को भाजपा में शामिल करवाने का दावा किया गया है। इस आयोजन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा सहित कई बड़े नेता शामिल हुए थे।

कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भिण्ड के कलेक्टर और एसपी को कार्रवाई करने का 15 दिन का समय दिया है। कोर्ट ने नियमों का उल्लघंन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई रिपोर्ट 15 दिनों के भीतर कोर्ट के रजिस्ट्री कार्यालय में जमा करने के आदेश दिए हैं। क्या भिंड के एसपी और कलेक्टर मुख्यमंत्री सहित बड़े नेताओं पर कार्रवाई का साहस कर पाएंगे ?

अदालत ने कहा -जब अंत्येष्टि शादी में निश्चित संख्या तो
ऐसे राजनीतिक आंदोलन की अनुमति क्यों ?

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि जब शादी, अंत्येष्टि में निश्चित संख्या से ज़्यादा व्यक्तियों के शामिल होने की अनुमति नहीं है। तो ग्वालियर में इतने बड़े स्तर पर वो भी बिना किसी शारीरिक दूरी को सुनिश्चित किए कार्यक्रम के आयोजन को आखिर अनुमति कैसे मिल गई?

सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से पेश हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता अंकुर मोदी ने कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए एक और दिन का समय मांगा था। लेकिन कोर्ट ने महा महाधिवक्ता की मांग को खारिज करते हुए सुनवाई जारी रखी।

राजनीतिक दल को सार्वजनिक कार्यक्रम की अनुमति कैसे मिल गई?
याचिकाकर्ता हेमंत राणा के वकील राजीव शर्मा ने कहा कि ग्वालियर में प्रतिदिन कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है। लेकिन यहां पर तीन दिन तक पूरी भीड़ भाड़ में सदस्यता कार्यक्रम चलाया गया। राजीव शर्मा ने कहा कि अगर यहां के निवासियों के बीच कोरोना का भयंकर विस्फोट होता है, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?

हेमंत राणा द्वारा दायर याचिका में कहा गया था कि ऐसे समय में जब चुनाव आयोग ने चुनावों को लेकर कोई दिशा निर्देश जारी नहीं हुए हैं तो किसी भी राजनीतिक दल को सार्वजनिक कार्यक्रम की अनुमति कैसे मिल गई? याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में चुनाव आयोग द्वारा दिशा निर्देश की घोषणा तक किसी भी राजनीतिक कार्यक्रम पर रोक लगाने की मांग की है।

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