भोपाल।मायावती के गठबंधन को इंकार के बावजूद कांग्रेस उनसे जुड़े रहना चाहती है। उत्तरप्रदेश में कांग्रेस को गठबंधन से अलग करने। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर प्रत्याशी उतारकर बसपा ने कांग्रेस को सीधे सीधे चुनौती दी थी। हालांकि बसपा के दो विधायक मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार को समर्थन दे रहे हैं. यही कारण है कि बसपा की समर्थन वापसी की धमकी का असर हुआ है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने पिछले 15 सालों में नेताओं, पार्टी कार्यकर्ताओं और अन्य पर दर्ज किए गए राजनीतिक मुकदमे वापस लेने की घोषणा की है। प्रदेश के कानून मंत्री पीसी शर्मा ने कहा है कि अनुसूचित जाति,जनजाति एक्ट के खिलाफ 2 अप्रैल 2018 को हुए भारत बंद आंदोलन के तहत जिन लोगों पर मामले दर्ज किए गए थे, सरकार ने उन्हें वापस लेने का फैसला किया है। इसी तरह पिछले 15 सालों में जितने भी राजनीतिक मामले दर्ज किए गए वे सब वापस होंगे।
गौरतलब है कि बसपा ने 1 दिन पहले ही कांग्रेस को मध्यप्रदेश और राजस्थान में समर्थन वापस लेने की धमकी दी थी। इसके बाद मध्यप्रदेश के नए कानून मंत्री पीसी शर्मा ने ट्वीट कर साफ किया कि 2 अप्रैल 2018 को भारत बंद के दौरान हुई हिंसा के बाद कई लोगों पर मामले दर्ज किए गए थे। सरकार इन्हें वापस लेगी। इसके अलावा पिछले 15 सालों में भाजपा सरकार ने राजनीति से प्रेरित होकर कई लोगों पर मुकदमे दर्ज कराए थे, सरकार उन्हें भी वापस लेगी।