स्कूल की शिकायत करने के लिए प्रशासन हेल्प लाइन नम्बर शुरू करे
स्कूल प्रबंधन ये धमकी भी दे रहा यदि शिकायत की तो फ्यूचर बिगाड़ देंगे
प्रदीप मिश्रा (वरिष्ठ पत्रकार )
इंदौर। आखिर कार वही हुआ जिस बात का डर था … कि अप्रेल माह शुरू होते ही धंधेबाज निजी स्कूल वालो का असली चेहरा सामने आने लगा है। स्कूल संचालको ने स्कूली बच्चों के अभिवावकों को धमकाना व प्रताड़ित करना शुरू कर दिया है। इन स्कूल से स्कूली बच्चों के माता पिता को फोन किया जा रहा है कि हमने 15 अप्रेल से ऑन लाइन पढ़ाना शुरू कर दिया है। इसलिए हर हालत में सभी अभिवावक अपने बच्चों की फीस भरना शुरू कर दे। नही तो ऑन लाइन एज्युकेशन सिस्टम में आपके बच्चों को एड नही किया जाएगा ।
यदि 20 अप्रेल 2020 तक फीस नही भरी तो आपके बच्चे का एडमिशन रद्द कर दिया जाएगा।जबकि सारे देश मे लॉक डाउन के चलते हर मध्यम वर्गीय परिवार की हालत क्या है यह किसी से छुपा नही है। जैसे तैसे अभिभावक अपना परिवार पाल रहे है। कईयों के पास तो अपने बीमार परिजनों के लिए दवा लाने सहित घर गृहस्थी सम्बंधित जरूरत के समान खरीदने लिए पैसे तक नही है।
ऐसे में यह स्कूल संचालक बच्चो के पालकों को धमका रहे है। ऐसा नही कि महामारी की आपदा में सिर्फ ईसाई मशीनरी स्कूल वाले ही ऐसा कुकृत्य कर रहे है बल्कि यह करतूत करने वालो में शहर के अधिकांश अन्य वो निजी स्कूल वाले भी शामिल है जो हर साल करोड़ो रूपये की फीस वसूलते है।
शहर में निजी ट्रस्ट द्वारा या धनाढ्य कारोबारियो द्वारा संचालित किए जा रहे है । कई स्कूल संचालक सांसद विधायक मंत्रियों के खास है इसलिए इनमें न तो इंसानियत है न ही सरकार या प्रशासन का ख़ौफ़ है।
हालांकि इस मामले में कलेक्टर मनीष सिंह का कहना है कि लाकडाउन के दौरान फीस के लिए दबाब बनाने वाले स्कूल के खिलाफ शिकायत मिलने पर स्कूल संचालको पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी , मगर सवाल यह है कि स्कूलों की मनमानी की शिकायत आखिरकार अभिभावक कंहा पर करे।
समस्त जिला प्रशासन कोरोना से जंग लड़ने में व्यस्त है। इसलिए प्रशासन को चाहिए कि वह प्रताड़ित अभिभावकों के लिए एक अलग से हेल्प लाइन की व्यवस्था कर उसका मीडिया सहित सोशल मीडिया पर प्रचार प्रसार करे।जिससे प्रताड़ित अभिभावक प्रशासन की हेल्प लाइन पर एज्युकेशन माफिया बन चुके स्कूल वालो के खिलाफ अपनी शिकायत दर्ज करवा सके।
गौर तलब है कि हर साल जिला प्रशासन द्वारा शैक्षिणक सत्र शुरू होते ही एक रस्म निभाते हुए एक आदेश निकाला जाता है कि कोई भी स्कूल या शैक्षणिक संस्थान स्कूली बच्चों को अपने कोर्स की किताबें व ड्रेस खरीदने के लिए दबाब नही बनाएगा अभिभावक चाहे जंहा से कॉपी किताब ड्रेस खरीद सकेंगे।
मगर आज तक कोई भी कलेक्टर इस आदेश का पालन नही करवा पाए है , मगर इंदौर शहर को तत्कालीन दबंग कलेक्टर सर से उम्मीद है कि वह एज्युकेशन माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर मध्यम व गरीब तबके के अभिभावकों को राहत देने वाली उचित कड़ी कार्रवाई करेंगे । (फेसबुक वॉल से साभार )
You may also like
-
यमुना में बढ़ता प्रदूषण और गिरती जल गुणवत्ता, 33 में से 23 साइट्स वाटर क्वालिटी टेस्ट में फेल, पढ़ें ये चौंकाने वाली रिपोर्ट
-
महात्मा गाँधी के परपोते ने कहा-‘कैंसर फैला रहा संघ परिवार…’
-
64 साल बाद एकसाथ होली-रमजान का जुमा: मस्जिदों को तिरपाल से ढंका, MP-UP समेत कई राज्यों में हाई अलर्ट
-
स्टालिन की हिंदी नफरत- रुपये का ₹ ही बदल डाला
-
विधान सभा के चौथे दिन सीएम बोले- अब मैं जो बोलूंगा, वह आपको सुनना होगा