इंदौर के निजी अस्पताल (सरकार द्वारा अधिग्रहित ) कोरोना मरीजों से वसूल रहे बड़ी रकम
प्रशासन जानबूझकर अनजान, क्यों न शिवराज ममता बनर्जी की तरह निजी अस्पतालों में
मुफ्त इलाज की घोषणा करते
नरोत्तम मिश्रा मेडिकल माफिया पर नकेल डाल सकेंगे ?
इंदौर। इंदौर संक्रमण के रेड जोन में है। यहां लगातार हालात गड़बड़ हो रहे हैं। 1500 सैंपल का दो बार बैकलॉग हो गया। प्रशासन इस बैकलॉग को दबाने में लगा रहा। पर सोशल मीडिया (मुख्य मीडिया सकारात्मकता और उम्मीदों की घुट्टी पीकर बैठा है ) पर लगातार बैकलॉग का मामला आने पर अफसरों ने बैकलॉग की बात स्वीकारी। गुरुवार को कुल 84 नए मरीज आये।
कोरोना के लिए अधिग्रहित अस्पताल रिपोर्ट में हो रही देरी के चलते, मरीजों से मनमानी वसूली कर रहे हैं। सिनर्जी अस्पताल का ताज़ा मामला अभी सामने आया है, जिसमे कोरोना से मरने वाले ललित बड़जात्या से अस्पताल ने 3. 5 लाख वसूल लिए। इनकी रिपोर्ट को मेडिकल कॉलेज से सिनर्जी तक आने में दस दिन लग गए। सांसद, विधायक द्वारा मामला उठाने के बावजूद जिला प्रसाशन ऐसे अस्पतालों पर कोई कार्रवाई को राज़ी नहीं।
ऐसा लगता है मानो अधिग्रहण के नाम पर सरकारी पैसे के साथ अपने करीबी कुछ नामी अस्पतालों को विशेष कमाई का मौका भी मिला हो। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ऐलान किया है कि कोरोना अधिग्रहित निजी अस्पतालों में भी मुफ्त इलाज होगा। ऐसे अस्पतालों पर बाकायदा बोर्ड लगाए गए हैं, ताकि वसूली न हो सके।
आखिर शिवराज सिंह सरकार कर क्या रही है। क्या इंदौर में संक्रमण पूरी तरह से बेकाबू हो जाएगा, तब हम जांच करेंगे। शुक्रवार को टेस्टिंग किट की कमी आ गई। देश में सबसे ज्यादा मौत के प्रतिशत वाले शहर में टेस्टिंग किट नहीं है। कमाल है। जिला प्रशासन, खुद मुख्यमंत्री और विपक्ष में बैठी कांग्रेस भी चुप है। किसी को टेस्टिंग किट के बारे में चिंता जताते नहीं देखा।
ममता से सीखें शिवराज सिंह,
नरोत्तम मिश्रा कुछ करेंगे ?
पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों को कोरोना वायरस के मरीजों का मुफ्त इलाज करने के निर्देश दिए हैं. राज्य सरकार ने निजी अस्पतालों से कहा है कि वे कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों का इलाज करें और इसका पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी. बंगाल सरकार ने अस्पतालों को ये भी निर्देश दिए हैं कि वे अपने यहां ये नोटिस भी चस्पा करें कि कोरोना मरीजों का यहां मुफ्त इलाज होगा। आखिर शिवराज सिंह ऐसा आदेश क्यों नहीं दे रहे। प्रदेश में तो अधिग्रहित अस्पताल भी जमकर खुलेआम वसूली कर रहे हैं। आखिर प्रदेश सरकार क्या चिकित्सा माफिया को हमेशा की तरह इस आपदा में भी जनता से खिलवाड़ का मौका देती रहेगी। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी इस मामले में शायद ही कुछ बोल पाएं। उन्हें बड़ा फैसला लेना चाहिए।
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