इंदौर। मध्यप्रदेश में इस वक्त बदजुबानी की होड़ लगी हुई है। प्रदेश की संस्कृति और आध्यात्म मंत्री उषा ठाकुर ने मंगलवार को कट्टरता का एक नया अध्याय शुरू कर दिया। उषा ठाकुर ने मदरसों को आतंवाद की पाठशाला तक बता दिया। ठाकुर ने कहा कि सारे आतंकवादी मदरसे से ही पढ़े और पले होते हैं।
इसके पहले भी मंत्री उषा ठाकुर इस तरह के बयान देती रही हैं। कुछ दिन पूर्व उन्होंने आदिवासी संगठन जयस को आतंकवादी संगठन बता दिया था। अब मदरसों को निशाने पर लेकर उन्होंने अपना एजेंडा सेट कर लिया। हिंदुत्व और राष्ट्रवाद जैसे मुद्दे को हवा देने की कोशिश उन्होंने की है। इंदौर में धार्मिक आस्था की बात करते हुए कहा कि मदरसे से कट्टरवादी निकलते है। ऐसे मदरसों को बंद कर देना चाहिए।
अपनी बात को सही ठहराते हुए ठाकुर ने कहा कि एक समय जम्मू कश्मीर को आतंकवादियों की फैक्ट्री बनाकर रख दिया गया था। अब ऐसे मदरसों को बंद कर देना चाहिए जो राष्ट्रवाद में बाधक हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि असम ने तो ऐसा करके भी दिखा भी दिया। मदरसों की शासकीय सहायता भी बंद कर देनी चाहिए।
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ठाकुर यही नहीं रुकी उन्होंने मदरसों को बंद करने उनकी सरकारी सहायता बंद करने की भी वकालत की। ठाकुर ने कहा धर्म आधारित शिक्षा लोगों के बीच द्वेष बढ़ा रही है। ऐसे में सभी बच्चों को सामूहिक रुप से समान शिक्षा देनी चाहिए।
मदरसों में मध्यान्ह भोजन बंद करने और मौलवियों और इमामों को दिया जा रहा वेतन भी बंद करने की बात मंत्री ने कही। धर्मांतरण का मुद्दा उठाते हुए कहा आदिवासियों का धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है जो गलत है। जनता इन ताकतों को 3 नंवबर को आईना दिखाएगी
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