कमलनाथ एक और मौका चूक गए। पहले वे सिंधिया के वजन को नहीं समझ सके, नाराज विधायकों को नहीं मना सके। ख़ास सलाहकार दिग्विजयसिंह की चाहतों को नहीं पढ़ सके
भोपाल। मुख्यमंत्री कमलनाथ एक और मौका चूक गए। पहले वे ज्योतिरादित्य सिंधिया के वजन को नहीं समझ सके। अपने नाराज विधायकों को नहीं मना सके। अपने ख़ास सलाहकार दिग्विजयसिंह की चाहतों को नहीं पढ़ सके। शुक्रवार को उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस कर इस्तीफा दे दिया। आखिर सदन के बाहर इस्तीफा क्यों दिया? ये तो सबको पता था कि नाथ के पास बहुमत नहीं है, फिर भी उन्हें सदन का सामना करना था। इस तरह से इतने अनुभवी राजनेता का मैदान छोड़ना उन्हें कमजोर कर गया। ऐसा लगा मानो उन्होंने चुनौती से मुंह फेर लिया।
लगातार विधायकों को बंधक बनाने का दावा करने वाले कमलनाथ को सदन में ये बात रखने का मौका था। वे सदन को सम्बोधित करते हुए इस्तीफा दे सकते थे। ऐसा करने के उनकी छवि और मजबूत होती। अभी वे एक कमजोर और हताश नेता दिखाई दे रहे हैं। आखिर क्यों कमलनाथ लगातार चूक रहे हैं। पिछले पंद्रह महीने में वे कई बार अपने सलाहकारों या उनकी खुद की मनमानी से चूकते हुए दिखाई दिए।
सुप्रीम कोर्ट ने दो दिनों तक चली सुनवाई के बाद कमलनाथ सरकार को शुक्रवार को शाम 5 बजे तक फ्लोर टेस्ट के आदेश दिए है। लेकिन कमलनाथ ने फ्लोर टेस्ट से पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया। कोर्ट ने गुरुवार को फैसला सुनाते हुए कहा था कि मध्यप्रदेश विधानसभा का सत्र फिर से बुलाया जाए और कमलनाथ सरकार शुक्रवार शाम 5 बजे बहुमत हासिल करे। हालांकि, रात एक बजे तक विधानसभा की कार्यसूची जारी नहीं हुई थी। नाटकीय घटनाक्रम में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव देर रात विधानसभा पहुंचे और अध्यक्ष की मेज पर अपनी चिठ्ठी और फैसले की प्रति रखकर आए। फिर रात ढाई बजे स्पीकर ने फ्लोर टेस्ट को कार्यसूची में शामिल किया।
शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने कहा, जनता ने पांच साल का मौका दिया था ताकि प्रदेश को सही रास्ते पर लाया जा सके. इसकी नई पहचान बने. मध्य प्रदेश की तुलना बड़े राज्यों से हो. 15 साल बीजेपी को मिले और मुझे 15 महीने मिले. इन 15 महीनों में प्रदेश की जनता गवाह किया है कि मेरे द्वारा किए गए काम बीजेपी को रास नहीं आए. आप जानते हैं कि जब सरकार बनी तो पहले ही दिन से साजिश शुरू कर दी.
साथ ही उन्होंने कहा कि आज हमारे 22 विधायकों को कर्नाटक में बंधक बनाने का काम किया गया. करोड़ो रुपये खर्च कर खेल खेला गया. एक महाराज और बीजेपी ने लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या की है. प्रदेश के साथ धोखा करने वाले लोभियों और बागियों को जनता माफ नहीं करेगी. कई बार हमने विधानसभा में बहुमत साबित किया है. सीएम कमलनाथ ने कहा, ‘मेरे साथ विश्वासघात किया गया है मध्य प्रदेश की जनता के साथ विश्वासघात किया गया है’. 15 महीनों में हमने किसानों का कर्जा माफ किया. बीजेपी ने हमारी सरकार के साथ साजिश करके किसानों को धोखा दिया है.