भोपाल। मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। चर्चा है कि चुनाव से पहले शिवराज कैबिनेट का विस्तार होने वाला है। कैबिनेट के इस विस्तार में विधानसभा चुनाव को देखते हुए 3 से 4 नए मंत्री बनाए जाने की संभावना है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि मंत्रिमंडल विस्तार की यह योजना काफी पहले बनाई गई है। पार्टी नेतृत्व ने तय किया था कि विधानसभा चुनाव के लिहाज से मंत्रिमंडल में कुछ नए लोगों को जगह दी जाएगी। पार्टी सूत्रों के अनुसार इस बार तीन से चार नए सदस्यों को शामिल किए जाने की संभावना है।
राजेंद्र शुक्ल व बिसेन का मंत्री बनाया जाना तय
भाजपा नेता ने कहा कि दो लोगों का मंत्री बनाया जाना लगभग तय है। पहला नाम है पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला का, जो प्रदेश के कद्दावर ब्राह्मण नेता माने जाते हैं और रीवा से विधायक हैं। दूसरा नाम गौरीशंकर बिसेन का है, जो बालाघाट से विधायक हैं और मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हैं। वह पिछड़ा वर्ग का बड़ा चेहरा माने जाते हैं। भाजपा नेता ने कहा कि टीकमगढ़ जिले की खरगापुर विधानसभा से पहली बार विधायक बने राहुल सिंह लोधी और प्रदेश के पूर्व मंत्री जालम सिंह को कैबिनेट में शामिल करने पर सीएम शिवराज सिंह चौहान और पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों के बीच विचार-विमर्श चल रहा है।
एक ही समुदाय से आते हैं राहुल सिंह लोधी और जालम सिंह
राहुल सिंह लोधी और जालम सिंह दोनों ही ओबीसी समुदाय से आते हैं, जिसका मध्य प्रदेश की आबादी में 45 प्रतिशत योगदान है। बुंदेलखंड क्षेत्र के नवोदित नेता राहुल सिंह लोधी वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के भतीजे हैं, जबकि महाकौशल क्षेत्र के नरसिंहपुर से विधायक जालम सिंह केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल के छोटे भाई हैं। वर्तमान में राज्य मंत्रिमंडल में सीएम शिवराज सिंह समेत कुल 31 सदस्य हैं। नियमानुसार यह संख्या 35 तक जा सकती है। 35 सदस्य संख्या 230 सदस्यों वाली मध्यप्रदेश विधानसभा की ताकत का 15 प्रतिशत बैठता है। इस हिसाब से अभी 4 और लोगों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। शिवराज सरकार का आखिरी मंडिमंडल विस्तार जनवरी, 2021 में हुआ था।
शिवराज कैबिनेट में 3 से 4 विधायकों को दी जा सकती है जगह
इसी बीच, पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला और गौरीशंकर बिसेन कई दिन से भोपाल में ही हैं। हालांकि, संभावित कैबिनेट विस्तार पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। राजभवन के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि राज्य सरकार ने शपथ ग्रहण समारोह के संबंध में अभी तक कोई सूचना नहीं है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि यह कैबिनेट विस्तार सत्ता विरोधी लहर को मात देने, जातिगत समीकरणों को संतुलित करने और राज्य में क्षेत्रीय उम्मीदों को पूरा करने के लिए भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व की सिफारिश पर किया जा रहा है, ताकि साल के अंत में चुनाव में उतरने में पार्टी को कोई दिक्कत नहीं हो।