इंसानियत की मिसाल बने भोपाल के बैरागढ़ के तहसीलदार गुलाब सिंह बघेल
भोपाल। कोरोना के इस दौर में जब रिश्ते भी टूट रहे हैं, ऐसे वक्त में पुलिस और प्रशासन अपनी इंसानियत को निभा रहा है। मंगलवार को कोरोना से मृत एक व्यक्ति के बेटे और परिवारवालों ने अपने पिता का शव लेने और अंतिम संसकर से इंकार कर दिया। ऐसे में भोपाल के तहसीलदार ने खुद इस शव का अंतिम संस्कार करने का जिम्मा लिया। वे चाहते तो लावरिस लाश में दर्ज करवाकर निगम से भी अंतिम संस्कार करवा सकते थे। पर इस तहसीलदार ने न सिर्फ अंतिम संस्कार किया बल्कि पूरे रीति रिवाज को भी निभाया। वही श्मशान घाट में स्नान भी किया। इंसानियत के इस ज़ज़्बे को सलाम।
राजधानी के बैरागढ़ में पदस्थ तहसीलदार गुलाब सिंह बघेल ने कोरोना संकट के बीच मानवता की नई मिसाल पेश की है। एक कोरोना मरीज की मौत के बाद उसके बेटे समेत अन्य परिजनों ने मुखाग्नि देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद तहसीलदार बघेल ने पीपी ई किट पहनकर मृतक को मुखाग्नि दी।
स्व. प्रेम सिंह मेवाडा शुजालपुर को कोरोना पोजिटिव होने से मृत्यु हो गई थी। उसके बेटे संदीप मेवाड़ा और परिवार वालों ने मृतक की बॉडी लेने से मना कर दिया। कोई भी बॉडी उठाने और अंतिम संस्कार के लिए तैयार नहीं था, तहसीलदार बैरागढ श्री गुलाब बघेल ने कोरोना संक्रमित मरीज स्व. प्रेम सिंह मेवाड़ा का मानवता के नाते अंतिम संस्कार कर मानवता का सच्चा उदाहरण प्रस्तुत किया।
विगत 2 दिन से प्रेम सिंह मेवाड़ा का शव मरचुरी में रखा रहा उनका परिवार ने शव लेने समन किया और जिला प्रशासन से ही अंतिम संस्कार करने के लिए दबाब बनता रहा। उन्होंने अंतिम समय तक शव को लेने से मना कर दिया जबकि जिला प्रशासन ने कोरोना प्रोटोकॉल के अनुसार सारी व्यवस्था कर दी थी।
पीपीई किट, सेनेटाइजर , ग्लब्स देने के बाद भी मृतक के पुत्र संदीप मेवाड़ा ने मुखाग्नि देने से मना कर दिया उनके साथ मृतक की पत्नी और उनके साले भी साथ थे। मंगलवार दोपहर सब व्यवस्था होने के बाद जब परिवार ने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया तो तहसीलदार श्री बघेल ने मृतक को मुखाग्नि देकर मनावत की मिसाल प्रस्तुत की है।कलेक्टर श्री तरुण पिथोड़े ने तहसीलदार को शाबासी दी और उनके इस उत्तम कार्य के लिए प्रशंसा की।
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