भारत के हवाई हमलों के दावों के बीच न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार
पक्की इमारत वाला आतंकी कैंप ध्वस्त नहीं हुआ
इंदौर। भारत के पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक से पूरा देश राजनीतिक युद्ध में उलझा हुआ है। कांग्रेस महासचिव सबूत मांग रहे हैं। वायुसेना ने कहा हमारा काम टारगेट हिट करना है, लाशें गिनना नहीं। अमित शाह ने 250 आतंकियों के मरने का आंकड़ा पेश कर दिया है। इस सबके बीच एक ऐसी रिपोर्ट आई है जो कह रही है बालाकोट में हवाई हमले के दावे के विपरीत जैश का आतंकी कैंप अपनी जगह खड़ा हुआ है। अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने बालाकोट हवाई हमले को लेकर ऐसे नए तथ्य सामने रखे हैं जिनसे भारत में इस एयर स्ट्राइक को लेकर राजनीति और गरमा सकती है. एजेंसी ने सैटेलाइट से ली गई हाई-रेजोल्यूशन तस्वीरों के हवाले से कहा है कि भारतीय लड़ाकू विमानों ने जैश-ए-मोहम्मद द्वारा संचालित जिस आतंकी कैंप को को निशाना बनाया था, वह अभी भी वहीं खड़ा है. यानी हमले में उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचा है.
खबर के मुताबिक ये तस्वीरें प्लैनेट लैब्स नामक कंपनी ने जारी की हैं. अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को स्थित यह कंपनी उपग्रहों की मदद से पृथ्वी की तस्वीरें लेने का काम करती है. रॉयटर्स के मुताबिक कंपनी द्वारा चार मार्च को मुहैया कराई गई इन तस्वीरों में हमले वाली जगह पर मदरसे की छह इमारतों को अभी भी देखा जा सकता है. एजेंसी ने कहा है कि इन इमारतों पर या उनके आसपास ऐसे कोई निशान या संकेत नहीं मिलते जिनसे लगे कि वहां किसी तरह का हवाई हमला किया गया था. मसलन, छतों पर छेद नहीं हैं और न ही इमारतों पर झुलसने के निशान हैं. इसके अलावा गिरी दीवारें या उखड़े पेड़ भी नहीं दिख रहे.
गौरतलब है कि 26 फरवरी के बाद से केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि इस हमले में बालाकोट के जाबा गांव में बने मदरसे और उसके आसपास चिह्नित इमारतों को निशाना बनाया गया था. लेकिन इस रिपोर्ट के बाद इस दावे पर सवाल खड़े किए जा सकते हैं. रॉयटर्स के मुताबिक उसने इस बारे में भारत के विदेश व रक्षा मंत्रालयों से ईमेल के जरिए सवाल पूछे हैं, जिनके अभी तक जवाब नहीं मिले हैं. (साभार)