palashsen euphoria muscial night

music mafia

म्यूजिक माफिया के शिकार गायक की ‘धूम पिचक धूम’ वापसी

Share Politics Wala News

म्यूजिक माफिया के शिकार गायक की ‘धूम पिचक धूम’ वापसी

Share Politics Wala News

पंकज मुकाती (संपादक #Politicswala )

#palashsen Euphoria band 

पलाश का फूल अपना चटख बासंती रंग हर जगह बिखेरने का माद्दा रखता है। । खिले रहिये पलाश सेन। #यूफोरिया बैंड को सलाम

धूम, फिर धूम और गली, “माएरी”, “धूम पिचक” और “कभी आना मेरी गली” जैसे गाने आपने सुने होंगे। इसके गायक पलाश सेन को इस पीढ़ी में
बहुत कम लोग जानते होंगे। पर 90 के दशक में धूम पिचक धूम की धूम थी। फिर ये गायक कहीं गुम सा हो गया। नामी गायक अक्सर गुमनाम
हो जाते हैं। क्यों ? ये कोई नहीं समझ पाता क्योंकि दुनिया तेजी से आगे बढ़ती है और जो दिखता है वही याद रहता है।

आज पलाश सेन की याद क्यों ? दरअसल रविवार को यूफोरिया बेंड वाले पलाश भोपाल में थे। उन्होंने एक बार फिर मंच से धूम मचाई। यही ‘धूम
पिचक धूम ‘ के बीच उनकी पीड़ा भी सामने आई।

पलाश बोले म्यूजिक माफिया के आगे नहीं झुकेंगे। हमें मीडिया ने साथ दिया पर बॉलीवुड ने कभी साथ नहीं दिया। पलाश सेन ने कहा बॉलीवुड
माफिया ने उनको किनारे किया सिर्फ दर्शकों का प्यार उन्हें अब तक मंच पर बनाये हुए है।

म्यूजिक माफिया और बॉलीवुड माफिया ये पीड़ा है उस गायक की जिसके शो के लिए 90 के दशक में कतार लगाकर टिकट बिकते थे। जिसके
ऑटोग्राफ को लोग उतावले रहते थे। भोपाल में उनको देखने का वैसा जोश तो नहीं था, पर अपनी गायकी से पलाश ने जो भी मौजूद थे सबको
झूमने पर मजबूर कर दिया।

वे युवा मंच के सामने खूब झूमें जिन्होंने कभी पलाश और यूफोरिया का नाम भी नहीं सुना होगा। यानी इस गायक में अब भी दम तो है। पर लोगों को बांधे रखने के लिए अपने जमाने के इस सौम्य गायक को भी थोड़े दिखावे के लटके, झटके करने पड़े। शर्ट उतारकर भी फेंकनी पड़ी और चुम्मा-चुम्मा जैसे गीत भी गाने पड़े।

इसमें भी पलाश का कोई दोष माफिया के चंगुल से बाहर आकर अपनी पहचान बनाये रखना बेहद मुश्किल होता है। कमबैक के लिए बहुत पसीना बहाना पड़ता है।

वैसे माफिया हर फील्ड में होते ही है। सिर्फ बॉलीवुड में ही नहीं। खासकर ग्लैमर और पब्लिक परफॉरमेंस वाले मोर्चे पर बेहद संघर्ष है। यहां काबिलियत गैंग के सामने कई बार हथियार डालने को मजबूर होती हो। राजनीति और पत्रकारिता भी ऐसे ही माफिया धूम मचाये हुए है।

माफिया गिरी के बीच पलाश हमें सीखाते है बने रहो। काबिलियत से। लोग भले आपके साथ कम होंगे पर नाम और सम्मान हमेशा बना रहेगा। बस बने रहिये।

वैसे पलाश का फूल अपना चटख बासंती रंग हर जगह बिखेरने का माद्दा रखता है। खिले रहिये पलाश सेन।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *