MP Government Loan: मध्यप्रदेश अजब है-गजब है। इसकी रफ्तार अब विकासशील से विकसित की ओर बढ़ रही है।
पर यह कहना भी गलत नहीं होगा कि प्रदेश अब ‘कर्ज प्रदेश’ में तब्दील होता जा रहा है।
ऐसा लगता है कि प्रदेश में विकास के पहियों की चाल केवल लोन के दम पर ही आगे बढ़ रही है।
क्योंकि अब एक बार फिर राज्य की मोहन सरकार 5200 करोड़ रुपये का कर्ज लेने जा रही है।
इस लोन का भुगतान 29 अक्टूबर बुधवार को सरकार को होगा।
प्रोजेक्ट्स-कम्युनिटी डेवलपमेंट के नाम पर लोन
अब सरकार करे भी क्या, जब खूब प्रचार-प्रसार के बाद भी भाईदूज पर बहनों को 250 रुपये का अतिरिक्त भुगतान नहीं हुआ, तो सरकार की काफी किरकिरी हुई।
दरअसल, 1.27 करोड़ लाड़ली बहनें इस उम्मीद में थीं कि उन्हें अतिरिक्त 250 रुपये मिलेंगे।
वे इसी उम्मीद में अपने खाते चेक करा रही थीं, क्योंकि उन्हें विश्वास था कि राशि जरूर आएगी।
कर्ज लेने का मुख्य उद्देश्य एक नवंबर को होने वाले प्रदेश स्थापना दिवस के कार्यक्रमों से भी जुड़ा हुआ है।
इससे लाड़ली बहना योजना सहित सरकार की कई अन्य परियोजनाओं का भी भुगतान किया जाएगा।
यह राशि उत्पादक योजनाओं के पूंजीगत व्यय (कैपिटल एक्सपेंडिचर) के लिए स्वीकृत की गई है, यानी ऐसे निवेश जो लंबे समय तक परिणाम देंगे।
सरकार के अनुसार, यह धनराशि सिंचाई परियोजनाओं, पावर प्रोजेक्ट्स और सामुदायिक विकास योजनाओं पर खर्च की जाएगी।
यह कर्ज देवउठनी एकादशी से पहले यानी एक नवंबर तक लिया जाएगा।
चालू वित्त वर्ष में कुल कर्ज 42600 करोड़
आज लिए जा रहे कर्ज की पहली राशि 2700 करोड़ और दूसरी 2500 करोड़ रुपये की होगी, जो चालू वित्त वर्ष के 20वें और 21वें कर्ज के रूप में शामिल होगी।
मंगलवार को लिए जा रहे कर्ज की 2700 करोड़ की पहली राशि 21 साल के लिए होगी जिसका ब्याज के रूप में भुगतान अक्टूबर 2046 तक होगा।
इसी तरह दूसरा 2500 करोड़ का कर्ज 22 साल के लिए होगा जिसका भुगतान अक्टूबर 2047 तक सरकार ब्याज के रूप में करेगी।
सरकार द्वारा इस बार लिया जा रहा यह कर्ज तब चुकाया जाएगा, जब देश आज़ादी के 100 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहा होगा।
लेकिन तब शायद प्रदेश सरकार इस समय लिया जा रहा कर्ज ब्याज सहित चुकता कर रही होगी।
इस नए कर्ज के बाद चालू वित्त वर्ष में कुल कर्ज 42,600 करोड़ रुपये हो जाएगा।
जबकि दूसरी किस्त यानी 2500 करोड़ रुपये का भुगतान अक्टूबर 2047 तक ब्याज सहित करना होगा।
केंद्र सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक से 5200 करोड़ रुपये के इस ऋण को मंजूरी दी है।
एक अक्टूबर को लिया था 3 हजार करोड़ का लोन
अब जो प्रदेश सरकार कर्ज लेने जा रही है, वह इस महीने का दूसरा लोन होगा।
इससे पहले मोहन सरकार ने दशहरा पर्व से पहले एक अक्टूबर को 3000 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था।
इसके लिए सरकार ने 30 सितंबर को नीलामी (ऑक्शन) प्रक्रिया पूरी की थी।
यह सितंबर माह के दौरान लिया गया तीसरा कर्ज था।
सितंबर में इससे पहले 9 सितंबर को 4000 करोड़ रुपये के तीन कर्ज लिए गए थे।
जबकि 23 सितंबर को 1500-1500 करोड़ रुपये के दो कर्ज उठाए गए थे।
मंगलवार को लिए जा रहे इस नए ऋण के साथ सरकार द्वारा लिए गए कुल कर्ज की राशि में भारी वृद्धि हो गई है।
मोहन सरकार ने कब-कब लिया कर्ज?
सितंबर में लिए गए कर्ज
30 सितंबर
- दो कर्ज, 1500-1500 करोड़ रुपए के।
- भुगतान 1 अक्टूबर को हुआ।
- अवधि: 20 साल और 23 साल।
23 सितंबर
- दो कर्ज, 1500-1500 करोड़ रुपए के।
- अवधि: 18 साल और 21 साल।9 सितंबर: तीन कर्ज लिए गए।
- राशि: 1500 करोड़ + 1500 करोड़ + 1000 करोड़।
- अवधि: 17 साल, 19 साल और 20 साल।
अगस्त में लिए गए कर्ज
26 अगस्त
- दो कर्ज, 2500 करोड़ और 2300 करोड़ रुपए के।
- अवधि: 20 साल और 18 साल।
5 अगस्त
- तीन कर्ज, कुल 4000 करोड़ रुपए।
- 1600 करोड़ (18 साल), 1400 करोड़ (20 साल) और 1000 करोड़ (23 साल)।
- भुगतान 6 अगस्त को किया गया।
जुलाई में लिए गए कर्ज
30 जुलाई
- दो कर्ज, कुल 4300 करोड़ रुपए।
- अवधि: 17 साल और 23 साल।
8 जुलाई
- दो कर्ज, 2500 करोड़ और 2300 करोड़ रुपए।
- अवधि: 16 साल और 18 साल।
जून में लिए गए कर्ज
4 जून
- 2000 करोड़, अवधि 16 साल (अदायगी 2041 तक)।
- 2500 करोड़, अवधि 18 साल (अदायगी 2043 तक)।
मई में लिए गए कर्ज (वित्त वर्ष का पहला कर्ज)
- 7 मई: दो कर्ज, 2500-2500 करोड़ रुपए के।
- पहला: 12 साल की अवधि, ब्याज अदायगी 2037 तक।
- दूसरा: 14 साल की अवधि, ब्याज अदायगी 2039 तक।
सरकार की ओर से कई पुराने आंकड़ों का उल्लेख करते हुए इस कर्ज को बेहद ‘लिमिट के भीतर’ बताया गया है, लेकिन कर्ज के बढ़ते हुए आंकड़े कुछ और ही कहानी कह रहे हैं।
अब सवाल उठ रहा है— क्या यह ‘डबल इंजन सरकार’ केवल कर्ज रूपी ईंधन पर ही चलेगी?
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