इंदौर। नरेंद्र मोदी अपनी दूसरी बारी के दूसरे साल का जश्न मना रहे हैं। पर उनकी सरकार की जिद और किसी की न सुनने की हठधर्मिता जारी है। कोरोना काल के बाद शायद ये सरकार इसी हठधर्मिता के लिए जानी जाए। मानो इस सरकार ने तय कर लिया है कि वे किसी की नहीं सुनेंगे। कोई भी सुझाव नहीं मानेंगे। सुझाव देने वाले का मज़ाक उड़ाएंगे, सोशल मीडिया पर उड़वाएंगे। खुद उनके मंत्री भी ऐसा ही कर रहे हैं। लॉकडाउन पर राहुल गांधी के सवाल उठाने पर रविशंकर प्रसाद बोले। उनकी तो कांग्रेस के मुख्यमंत्री भी नहीं सुनते। यानी मोदी सरकार किसी की नहीं सुनेगी।
लॉकडाउन पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के सवाल उठाने के बाद केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शनिवार को उन पर पलटवार किया है। एक न्यूज़ चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की तो उनकी पार्टी के मुख्यमंत्री ही नहीं सुनते। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अमरिंदर सिंह ने पंजाब में सबसे पहले कर्फ्यू लगा दिया। लॉकडाउन लगाया। राजस्थान ने भी यही किया। महाराष्ट्र यह हुआ या नहीं हुआ? उन्होंने प्रधानमंत्री की बैठक से पहले ही कह दिया कि 31 मई तक हमने बढ़ा दिया। रविशंकर ने लॉकडाउन के तरीके पर सवाल उठाया था उसपर जवाब देने के बजाय रविशंकर ने इसे मज़ाक में उड़ा कर भाजपा कांग्रेस से जोड़ दिया।
राहुल गांधी लॉकडाउन को लेकर लगातार मोदी सरकार पर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार ने इसकी योजना ठीक से नहीं बनाई जिससे लोगों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया. राहुल गांधी यह भी कह रहे हैं कि इस समय सीधे गरीबों के खाते में पैसा पहुंचाया जाना चाहिए। लेकिन मोदी सरकार 20 लाख करोड़ रु का जो पैकेज लाई है उसमें राहत से ज्यादा जोर कर्ज देने पर है।
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह वक्त एकजुटता का है। उनका कहना था, ‘राहुल गांधी ने लॉकडाउन का विरोध किया। डॉक्टरों, कोरोना वॉरियर्स के सम्मान में ताली-थाली बजाने का विरोध किया। देश में दीप जला, देश में झोपड़ियों में भी दीप जले लेकिन उसका भी विरोध किया। रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी सिर्फ राजनीति कर रहे हैं.