मंदी के दौर में कांग्रेस और बीजेपी दोनों को मिला भरपूर धन, बीजेपी की कुल आय 2410 करोड़ रही तो कांग्रेस को चंदे में मिले 918 करोड़
नई दिल्ली। पूरा देश हिंसा, विरोध प्रदर्शन से जूझ रहा है। मंदी की मार प्याज की कीमत से जनता दबी जा रही यही पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों के चुनावी चंदे में बड़ा पैसा आया। दोनों पार्टियां धन से लबालब है। वित्त वर्ष 2018-2019 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कुल आय 2,410 करोड़ रुपये रही. पार्टी ने चुनाव आयोग को दी अपनी ऑडिट रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी है.
रिपोर्ट के मुताबिक, 2017-2018 में 1,027 करोड़ रुपये की आय की तुलना में इस बार भाजपा की आय में 134 फीसदी का इजाफा हुआ है। कांग्रेस को इस अवधि में चुनावी बॉन्ड से 383 करोड़ रुपये मिले, जो 2017-2018 में मिले पांच करोड़ रुपये की तुलना में बहुत अधिक है। मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में सत्ता में लौटने का शायद पार्टी को फायदा हुआ है।
भाजपा की कुल आय का 60 फीसदी हिस्सा चुनावी बॉन्ड के जरिए इकट्ठा हुआ है। चुनावी बॉन्ड से ही भाजपा को 1,450 करोड़ रुपये की आय हुई है। वित्त वर्ष 2017-2018 में भाजपा ने चुनावी बॉन्ड से 210 करोड़ रुपये की आय होने का ऐलान किया था।
इनमें से लगभग 60 फीसदी यानी 1,450 करोड़ रुपये की धनराशि चुनावी बॉन्ड के जरिए इकट्ठा की गई. 2018-2019 में भाजपा का कुल खर्च 1005 करोड़ रुपये से अधिक हुआ था, जो 2017-2018 में 758 करोड़ रुपये से 32 फीसदी अधिक है।
वहीं, 2018-2019 में कांग्रेस की कुल आय 918 करोड़ और कुल खर्च 470 करोड़ रुपये रहा। कांग्रेस को इस अवधि में चुनावी बॉन्ड से 383 करोड़ रुपये मिले, जो 2017-2018 में मिले पांच करोड़ रुपये की तुलना में बहुत अधिक है।
यह जानकारी ऐसे समय में और महत्वपूर्ण हो जाती है जब विपक्ष, कार्यकर्ताओं और चुनाव आयोग की आलोचना के बावजूद सरकार ने चुनावी बॉन्ड की बिक्री जारी रखी है।
इस सप्ताह 13वीं बार चुनावी बॉन्ड की बिक्री का ऐलान किया गया था और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की 29 शाखाओं के जरिए 13 से 22 जनवरी के बीच इनकी बिक्री की जाएगी।