7 पन्नों की सीएजी रिपोर्ट में दिल्ली की सीएम ने कहा-मोहल्ला क्लीनिक में टॉयलेट नहीं, अस्पतालों में स्टाफ कम

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दिल्ली। दिल्ली विधानसभा में आज हेल्थ डिपार्टमेंट पर सीएजी रिपोर्ट पेश की गयी। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने स्वस्थ्य विभाग से जुडी 7 पन्नों की रिपोर्ट पेश की। इसमें कहा गया है कि दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक की स्थिति ठीक नहीं है। वहां साधन और सुविधाओं की कमी है। मोहल्ला क्लिनिक में महिला टॉयलेट्स की कमी है। पर्याप्त स्टाफ नहीं है और बड़े ऑपरेशन के लिए लोगों को लम्बा इंतज़ार करना पड़ता है। नर्स और डॉक्टर्स की संख्या पर्याप्त नहीं है। महिलाओं के स्वास्थ्य प्रोग्राम में फंडिंग की कमी है। एंबुलेंस में जरूरी उपकरण नहीं हैं। आईसीयू की भी कमी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 के दौरान केंद्र सरकार द्वारा जारी फंड्स का इस्तेमाल दिल्ली सरकार ने नहीं किया है।

वर्तमान सरकार द्वारा पेश की गई रिपोर्ट पर सोमवार को सदन में चर्चा होगी।

स्वस्थ्य पर सीएजी रिपोर्ट के 10 पॉइंट…

1. आप सरकार कोविड के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से दिए गए 787.91 करोड़ रुपए में से सिर्फ 582.84 करोड़ रुपए का इस्तेमाल कर पाई।

2. पीपीई किट, मास्क और दवाओं के लिए जारी 119.85 करोड़ रुपए में से 83.14 करोड़ रुपए का इस्तेमाल नहीं हुआ।

3. मोहल्ला क्लीनिकों में जरूरत की बुनियादी चीजें नहीं थीं। 21 क्लीनिकों में टॉयलेट, 15 क्लीनिकों में बिजली और 6 क्लीनिकों में टेबल तक नहीं थे। जनवरी, 2025 तक दिल्ली के 70 विधानसभा क्षेत्रों में 546 मोहल्ला क्लीनिक थे।

4. आयुष डिस्पेंसरी का भी यही हाल था। 49 डिस्पेंसरी में से 17 में बिजली, 7 में टॉयलेट और 14 में पीने के पानी की सुविधा नहीं थी।

5. अस्पतालों में बिस्तरों की कमी के बावजूद सिर्फ 1357 बेड बढ़ाए गए। जबकि सरकार ने 2016-17 से 2020-2021 तक के बजट में कुल 32 हजार बेड बढ़ाने का वादा किया था।

6. आप सरकार के दौरान सिर्फ तीन नए अस्पताल बने। इसमें तीसरे अस्पताल की लागत टेंडर की लागत से बहुत ज्यादा थी।

7. राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में 6 मॉड्यूलर/सेमी-मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर (OT), स्टोन सेंटर, ट्रांसप्लांट आईसीयू और वार्ड, किचन, 77 प्राइवेट कमरे, 16 आईसीयू बेड, 154 सामान्य बेड और रेजिडेंट डॉक्टर्स हॉस्टल चालू हालत में नहीं थे।

8. जनकपुरी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में 7 मॉड्यूलर ओटी , किचन, ब्लड बैंक, इमरजेंसी, मेडिकल गैस पाइपलाइन और 200 जनरल बेड चालू नहीं थे। बेड ऑक्यूपेंसी 20 से 40% थी।

9. लोक नायक अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में 24 घंटे इमरजेंसी सर्विस के लिए स्पेशलाइज डॉक्टरों की कोई परमानेंट व्यवस्था नहीं थी।

10. 27 अस्पतालों में से 14 में आईसीयू, 16 में ब्लड बैंक, 8 में ऑक्सीजन, 15 में मॉर्च्युरी और 12 अस्पतालों में एम्बुलेंस नहीं थी।

 

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