-कांग्रेस जिस तरह से धारा 370 पर अपना पक्ष रखने में नाकामयाब रही, वह गंभीर खतरा है। सदन में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी नासमझ नजर आये। चौधरी के भाषण से राहुल और सोनिया के चेहरे देखने लायक थे। मनीष तिवारी भी कुछ साफ़ नहीं कर सके। जबकि कांग्रेस के पास मौका था ये बताने का तीन बार 370 के अनुच्छेद हटाने का काम नेहरू और इंदिरा कर चुके हैं। आज भी 370 का अस्तित्व मौजूद है, बीजेपी ने उसकी सबसे बड़ी गुलामी वाला हिस्सा हटाया है। निश्चित ही ये बड़ा कदम है। पर राजनीतिक दल होने के नाते कांग्रेस को अपनी पार्टी के कामों को रखते हुए ये साबित करना था कि अमित शाह ऐसा इसलिए कर पाए क्योंकि इसकी नींव नेहरू ने कमजोर की. खुद अमित शाह ने अपनी स्पीच में कहा कि कुछ भी असवैधानिक नहीं है , नेहरू भी 370 का इस तरह से तीन बार इस का उपयोग कर चुके हैं। ऐसे में पार्टी को विषयों की राष्ट्रिय अंतरर्राष्ट्रीय समझ वाले नेता की जरुरत है। वो कमी इस वक्त दिग्विजय सिंह ही पूरी कर सकते हैं। दिग्विजय में संगठन के साथ-साथ मीडिया में पार्टी को ज़िंदा रखने की भी कूवत है। कांग्रेस को दिग्विजयसिंह को ही पार्टी का राष्ट्रिय अध्यक्ष बनाना चाहिए .
You may also like
-
राहुल गांधी समेत कांग्रेस के दिग्गज नेता करेंगे जिलाध्यक्षों को प्रशिक्षित, संगठन को मजबूत करने पर रहेगा फोकस
-
क्या बिहार में टूटेगा महागठबंधन? 10 सीटों पर आमने-सामने कांग्रेस–राजद, प्रदेश अध्यक्ष की सीट पर भी टकराव
-
छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में 210 नक्सलियों ने किया सरेंडर, संविधान की किताब-गुलाब से हुआ स्वागत
-
रायबरेली मॉब लिंचिंग: मृतक दलित के परिवार से मिले राहुल गांधी, हरिओम की बहन ने कहा- राहुल गांधी हमारे मसीहा हैं
-
Bihar Election 2025: NDA के सभी 243 उम्मीदवार घोषित, महागठबंधन में अभी भी सीट शेयरिंग को लेकर माथापच्ची