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Shashi Taroor in columbia-ऑपरेशन सिंदूर को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सही संदेश पहुंचाने के उद्देश्य से भारत के सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल इन दिनों विभिन्न देशों की यात्रा पर है। इसी कड़ी में कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल कोलंबिया पहुंचा, जहां उन्होंने भारत के रुख को स्पष्ट करते हुए कोलंबियाई सरकार को कड़ा संदेश दिया। शशि थरूर ने हड़काया कोलंबिया सरकार को… हमला करने वालों और बचाव करने वालों में समानता नहीं हो सकती
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के नेताओं में से एक कांग्रेस नेता शशि थरूर ने गुरुवार (स्थानीय समय) को भारत द्वारा 7 मई को किए गए जवाबी हमले में पाकिस्तान में मारे गए लोगों के प्रति कोलंबिया की संवेदना पर निराशा व्यक्त की और कहा कि हमला करने वालों और बचाव करने वालों के बीच कोई समानता नहीं हो सकती।
कोलंबिया को बताया आईना
भारत की ओर से की गई जवाबी कार्रवाई ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में सक्रिय आतंकियों को निशाना बनाया गया था, लेकिन इन आतंकियों की मौत
पर कोलंबिया सरकार द्वारा शोक व्यक्त किए जाने से भारत ने असहमति जताई है। शशि थरूर ने दो टूक शब्दों में कहा कि “आतंकवादियों और देश की रक्षा
करने वालों के बीच कोई तुलना नहीं की जा सकती। “
उन्होंने कोलंबियाई मीडिया से बातचीत में कहा कि कोलंबिया को अपने बयान पर पुनर्विचार करना चाहिए, क्योंकि ऐसे वक्तव्य गलत संदेश देते हैं और भारत जैसे आतंकवाद से पीड़ित देश की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं। शशि थरूर ने हड़काया कोलंबिया सरकार को… हमला करने वालों और बचाव करने वालों में समानता नहीं हो सकती
“गलतफहमी है, तो हम स्पष्ट करने आए हैं”
थरूर ने कोलंबिया सरकार से अपील करते हुए कहा, “अगर कोलंबिया में हमारी कार्रवाई को लेकर कोई गलतफहमी है, तो हम उसे दूर करने के लिए यहां हैं।
हम बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन आतंकी संगठनों और सुरक्षा बलों के बीच फर्क समझना बेहद जरूरी है। ”
उन्होंने उम्मीद जताई कि कोलंबिया जैसे लोकतांत्रिक देश को आतंकी हमले के पीड़ितों के प्रति संवेदना दिखानी चाहिए थी,
न कि उन लोगों के प्रति जो निर्दोषों की जान लेने की साजिश रचते हैं।
केंद्र के कदम के तहत कोलंबिया में मौजूद थरूर ने भारत द्वारा उनके आतंकी ठिकानों पर किए गए हमले के बाद आतंकवादियों के अंतिम संस्कार में शामिल हुए पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों की तस्वीर भी दिखाई और कहा कि अगर कोई गलतफहमी है तो प्रतिनिधिमंडल उसे दूर करने के लिए यहां है।
हम शांति के पक्षधर लेकिन आत्मरक्षा हमारा अधिकार
थरूर ने यह भी साफ किया कि भारत कभी आक्रामकता नहीं चाहता, लेकिन अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए जवाब देना उसकी ज़िम्मेदारी है।
यह कार्रवाई कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई थी।
जिसकी जिम्मेदारी TRF (द रेजिस्टेंस फ्रंट) ने ली थी—एक संगठन जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ है और पाकिस्तान से संचालित होता है।
भारत ने किसी मध्यस्थ की जरूरत नहीं समझी
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे पर भी शशि थरूर ने टिप्पणी की, जिसमें उन्होंने भारत-पाक के बीच संघर्ष विराम में मध्यस्थता का दावा किया था। थरूर ने स्पष्ट किया कि भारत किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता में विश्वास नहीं रखता और कोई भी ऐसा प्रयास भारत की सहमति के बिना नहीं किया गया।
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