लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की नेता राहुल गांधी के बयान के विरोध में लखनऊ में पोस्टर लगाए गए हैं। इन पोस्टरों में लिखा गया है कि कांग्रेस नेता ने बसपा प्रमुख का अपमान किया है। और इसका जवाब पूरा दलित समाज देगा। वहीँ राहुल गाँधी का कहना है मैं अपने पहले वाले बयान पर कायम हूँ।
बहुजन स्वाभिमान मंच की ओर से लखनऊ में कई पोस्टर लगाए गए हैं। इन पोस्टरों में कांग्रेस द्वारा दलितों को भ्रमित करने का आरोप लगाया गया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली में मायावती को लेकर बयान दिया था कि वो चुनाव ठीक से नहीं लड़ती हैं। उनके इस बयान पर सियासत तेज हो गई है।
बहुजन स्वाभिमान मंच ने जो पोस्टर लगाए हैं उसमें कांग्रेस पर बसपा सुप्रीमों के अपमान का आरोप लगाया और कहा कि राहुल गांधी अपनी दोगली नीति से दलितों को भ्रमित कर रहे हैं। इन पोस्टर्स पर लिखा है- ‘मायावती जी का अपमान नहीं सहेगा हिन्दुस्तान.. राहुल गांधी जी बहुत हो गया आपकी दोगली नीति एक तरफ़ अनुसूचित जाति के लोगों का वोट पाने के लिए मूल भारतीय छात्रावास वीरा पासी जी स्मारकों पर जाकर दलितों का हितैषी दिखकर इस पूरे समाज को भ्रमित कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ अपनी पार्टी के नेताओं से दलितों की मसीहा चार बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुकी बहन मायावती का गला घोंटने का ऐलान करा रहे हो। ये अपमान पूरे देश के दलित समाज का अपमान है। इस पर माफी मांगों अन्यथा दलित समाज आपको सबक जरूर सिखाएगा।
वहीं कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा वो अपने पहले वाले बयान पर कायम हैं जिसमें उन्होंने कहा था कि हम चाहते थे कि हम तीनों (कांग्रेस, सपा और बसपा) मिलकर चुनाव लड़ें, लेकिन वो साथ नहीं आईं। हमें काफी दुख हुआ। अगर हम एकसाथ चुनाव लड़ते तो परिणाम कुछ और ही होता। राहुल गांधी ने ये भी कहा कि मायावती अब ठीक से चुनाव नहीं लड़ती है।
सोशल मीडिया पर जारी अपने बयान में मायावती ने कहा कि बसपा ने यूपी व अन्य राज्यों में जब भी कांग्रेस जैसी जातिवादी पार्टियों के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ा तब हमारा बेस वोट उन्हें ट्रांसफर हुआ लेकिन ये पार्टियां अपना बेस वोट बसपा को ट्रांसफर नहीं करा पाईं। ऐसे में बसपा को हमेशा घाटे में ही रहना पड़ा है। वैसे भी कांग्रेस व भाजपा आदि का चाल, चरित्र, चेहरा हमेशा डॉ. भीमराव आंबेडकर, उनकी अनुयायी बसपा व उसके नेतृत्व, उनके दलित-बहुजन अनुयायियों एवं आरक्षण आदि का घोर विरोधी रहा है जिससे देश संविधान का समतामूलक व कल्याणकारी उद्देश्य पाने में काफी पीछे है, जो चिंताजनक है।
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