नई दिल्ली। पिछले कुछ महीनों में अपनी पार्टी के कई नेताओं के तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल होने के बाद, कांग्रेस ने अब ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी पर चौतरफा हमला करने का फैसला कर लिया है।
मुंबई में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख और महाराष्ट्र में कांग्रेस के सहयोगी, शरद पवार के साथ बैठक के बाद ममता की ‘यूपीए नहीं है’ टिप्पणी को पार्टी से कड़ी प्रतिक्रिया मिली।
इस साल की शुरुआत में हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में टीएमसी की प्रचंड जीत के बाद, ममता लगातार राष्ट्रीय स्तर पर एक मजबूत विकल्प की वकालत कर रही हैं, परोक्ष रूप से कांग्रेस को भी टक्कर दे रही हैं।
कांग्रेस पार्टी के सूत्रों के मुताबिक, ममता पर हमला करने का फैसला बुधवार रात हुई बैठक में लिया गया। बुधवार की देर रात कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के बीच चर्चा हुई जिसमें तय हुआ कि पार्टी अब ममता पर बड़े हमले करेगी।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी और राकांपा सुप्रीमो शरद पवार के बीच बैठक को पुरानी पार्टी को कमजोर करने के लिए एक ‘पूर्व नियोजित साजिश’ करार दिया और आरोप लगाया कि टीएमसी प्रमुख ‘भाजपा की आक्सीजन आपूर्तिकर्ता बन गई हैं। कांग्रेस का अब प्लान आने वाले चुनावों में भाजपा के साथ TMC के विरुद्ध लड़ने का भी है।
सूत्रों ने बताया कि ममता पर राजनीतिक हमले करने की जिम्मेदारी मल्लिकार्जुन खड़गे, दिग्विजय सिंह और रणदीप सुरजेवाला जैसे शीर्ष नेताओं को सौंपी गई है। और ऐसा देखने को भी मिल रहा है।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुरुवार को कहा कि कांग्रेस का लक्ष्य भाजपा को हराना है जबकि कुछ लोग केवल केंद्र में सत्ताधारी दल की मदद कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘ममता बनर्जी बिल्कुल गलत हैं कि यूपीए मौजूद नहीं है। राहुल गांधी पर व्यक्तिगत हमले करना भी गलत है। ममता बनर्जी का यह आरोप कि राहुलजी कहीं दिखाई नहीं दे रहे हैं, गलत है।
कांग्रेस हर मुद्दे को उठा रही है। और हर जगह लड़ रही है। हमारा उद्देश्य भाजपा को हराना है लेकिन कुछ लोग केवल उस पार्टी की मदद कर रहे हैं। कांग्रेस कई राज्यों में सत्ता में है और कुछ जगहों पर विपक्ष में भी है।’
कांग्रेस लीडर बोले, ‘हमने उन्हें (टीएमसी) विभिन्न सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों में शामिल करने की कोशिश की है जहां कांग्रेस ने अपना नाम बनाया है। विपक्ष को फूट-फूट कर आपस में नहीं लड़ना चाहिए। हमें मिलकर भाजपा से लड़ना है।’
बता दें कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार से मुलाकात के बाद कहा था, ‘यूपीए क्या है? कोई यूपीए नहीं है।’
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘हमारी लड़ाई सत्ताधारी पार्टी (भाजपा) के खिलाफ है। जो लोग हमारे साथ आना चाहते हैं, वे हमारे साथ आएं और जो हमसे जुड़ना नहीं चाहते हैं वे ऐसा करने के लिए स्वतंत्र हैं…क्या कांग्रेस की भागीदारी के बिना भाजपा के खिलाफ कोई राजनीतिक गठबंधन हो सकता है?’
बता दें कि तृणमूल कांग्रेस कभी यूपीए, संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन का हिस्सा थी, जो कांग्रेस सहित कई पार्टियों का गठबंधन था, जो 2004 से 2014 तक 10 साल तक केंद्र में सत्ता में रही, इसके बाद भाजपा सत्ता में आई।
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