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जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने हाल ही में हिंदुत्व विचारधारा पर कड़ा बयान दिया। उनका कहना था कि हिंदुत्व एक “बीमारी” है, जिसने लाखों भारतीयों को प्रभावित किया है और यह भगवान के नाम को भी कलंकित कर रहा है। इल्तिजा ने कहा कि “जय श्री राम” का नारा अब राम राज्य के बारे में नहीं रह गया, बल्कि इसका इस्तेमाल अब भीड़ द्वारा हिंसा और हत्या के दौरान किया जा रहा है।
यह बयान एक कथित वायरल वीडियो के बाद आया, जिसमें कुछ लोग नाबालिग मुस्लिम बच्चों को ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने के लिए मजबूर करते हुए नजर आ रहे थे। हालांकि, इस वीडियो की पुष्टि भास्कर द्वारा नहीं की गई है, लेकिन इल्तिजा ने इसे अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा किया था, जिसे बाद में हटा लिया गया।
हिंदुत्व और हिंदू धर्म में अंतर बताया
इल्तिजा ने हिंदुत्व की आलोचना करते हुए कहा कि यह विचारधारा 1940 के दशक में वीर सावरकर द्वारा प्रचारित की गई थी, जो नफरत और असहमति पर आधारित है। इसके विपरीत, उन्होंने यह भी कहा कि हिंदू धर्म, जैसे इस्लाम, एक धर्मनिरपेक्षता, प्रेम और करुणा का पाठ पढ़ाता है, और हमें इसे जानबूझकर बिगाड़ने की बजाय इसके सही अर्थ को समझने की जरूरत है।
बीजेपी की प्रतिक्रिया
इस बयान के बाद बीजेपी ने इल्तिजा के बयान को अपमानजनक करार दिया और उनसे माफी की मांग की। बीजेपी नेता रविंदर रैना ने कहा कि राजनीति में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन इस तरह की अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
इल्तिजा ने इस्लामोफोबिया पर भी चिंता जताई
इल्तिजा ने एक और बयान में कहा कि “इस्लाम के नाम पर की गई बेवजह हिंसा” ने ‘इस्लामोफोबिया’ को बढ़ावा दिया है और अब हिंदू धर्म के नाम पर भी इसी तरह की स्थिति उत्पन्न हो रही है, जिसका इस्तेमाल अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करने के लिए किया जा रहा है।
इल्तिजा का चुनावी सफर
महबूबा मुफ्ती ने इस बार जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में अपनी बेटी इल्तिजा को उम्मीदवार के रूप में उतारा था। हालांकि, इल्तिजा इस चुनावी मुकाबले में अपने पारिवारिक गढ़ बिजबेहरा से हार गईं, और यहां नेशनल कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवार ने जीत हासिल की।यह घटनाक्रम राजनीतिक और धार्मिक विमर्श में एक नई दिशा लेकर आया है, जिससे जम्मू-कश्मीर और देशभर में विभिन्न प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।