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DARKNET DRUG NETWORK-ड्रग तस्करी के केस में नारकोटिक्स की टीम को 2 बड़ी सफलता हाथ लगी।
भोपाल के एक युवक को 50 हजार की ड्रग्स के साथ गिरफ्तार किया गया।
वहीँ इस रैकेट के मास्टरमाइंड एडिसन को केरल से पकड़ा गया।
बेंगलुरु, चेन्नई, भोपाल, पटना, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में ड्रग सप्लाई करने वाले
नेटवर्क के मास्टरमाइंड को केरल से गिरफ्तार किया गया.
Indias Largest Darknet Drug Ring Busted-‘ऑपरेशन मेलन’ ने ध्वस्त किया नेक्ससः
भारत के सबसे बड़े ‘डार्कनेट ड्रग तस्करी नेटवर्क’ का खुलासा, भोपाल का एक युवक पकड़ाया
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) कोच्चि यूनिट ने भारत के सबसे बड़े डार्कनेट ड्रग
तस्करी नेटवर्क का खुलासा किया है। केरल के मुवत्तुपुझा निवासी मास्टरमाइंड एडिसन
को NCB कोच्चि यूनिट ने मंगलवार 1 जुलाई को गिरफ्तार किया।
अधिकारियों का कहना है कि उसके अंतरराष्ट्रीय ड्रग सिंडिकेट के साथ लंबे समय से
संबंध हैं.
एनसीबी कोच्चि यूनिट ने चार महीने तक ‘ऑपरेशन मेलन’ नामक जांच अभियान
चलाया।
इसके जरिये ‘केटामेलन’ नाम से संचालित डार्कनेट ड्रग नेटवर्क का खुलासा किया।
डिजिटल दुनिया में ‘डार्कनेट’ ने ड्रग तस्करों के लिए एक नया ठिकाना बना दिया था।
एडिसन को इस नेटवर्क का मुख्य संचालक और विक्रेता माना जाता है।
एनसीबी अधिकारियों कहा कि भारत के विभिन्न शहरों में नशीली दवाओं की उपलब्धता बढ़ाने में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है.
करोड़ों की दवाएं और क्रिप्टो जब्तः
एडिसन के घर पर छापेमारी के दौरान एनसीबी की टीम को चौंकाने वाले खुलासे हुए।
उसके घर से करीब 32 लाख रुपये की केमिकल ड्रग्स और 70 लाख रुपये की क्रिप्टोकरेंसी जब्त की गई।
जब्त किए गए नशीले पदार्थों में 847 एलएसडी ब्लॉटर और 131.66 ग्राम केटामाइन शामिल हैं।
इंग्लैंड से मंगवाता था ड्रग्सः
एडिसन पिछले दो सालों से वह विभिन्न डार्कनेट बाज़ारों में सक्रिय रूप से ड्रग की बिक्री में लगा था।
वह मुख्य रूप से इंग्लैंड में ‘गुमगादीन’ नामक विक्रेता से ड्रग्स खरीदता था।
एडिसन का नेटवर्क डार्कनेट के ज़रिए विदेश से नशीले पदार्थ मंगवाता था।
फिर डाक सेवाओं के जरिए उसे देश में तस्करी करके लाता था.
केरल में लाई गई ड्रग्स को बाद में वह देश के विभिन्न हिस्सों में वितरित करता था।
एडिसन ने बेंगलुरु, चेन्नई, भोपाल, पटना, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में ड्रग उत्पाद बेचे।
भारत के सबसे बड़े ‘डार्कनेट ड्रग तस्करी नेटवर्क’ का खुलासा, भोपाल का एक युवक पकड़ाया
भोपाल में पहली बार
भोपाल में पहली बार एलएसडी (LSD) ड्रग की तस्करी का मामला सामने आया है।
क्राइम ब्रांच और नारकोटिक्स विंग की संयुक्त टीम ने 19 वर्षीय छात्र को गिरफ्तार किया।
युवक एक प्राइवेट स्कूल से 12वीं कक्षा की पढ़ाई कर रहा है।
आरोपी के पास से 1.96 ग्राम एलएसडी ड्रग बरामद की गई है।
जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 50 हजार रुपए बताई जा रही है।
भोपाल का यह युवक केरल से डाक के माध्यम से एलएसडी ड्रग मंगा रहा था ।
सूचना के बाद युवक पर नजर रखी गई।
बुधवार को चांदबड़ रोड स्थित सिकंदरी सराय पोस्ट ऑफिस में एक संदिग्ध पार्सल पहुंचा।
पार्सल करन शर्मा नामक युवक के नाम था। जैसे ही युवक ने पार्सल रिसीव किया, टीम ने उसे मौके पर ही पकड़ लिया।
पूछताछ में युवक ने स्वीकार किया कि पार्सल में मादक पदार्थ है।
पार्सल में 1.96 ग्राम एलएसडी ड्रग मिली।
यूट्यूब पर वीडियो देखकर सीखा
आरोपी ने बताया कि उसने यूट्यूब पर वीडियो देखकर यह तरीका सीखा।
वह “DAUNT LINK” नाम की वेबसाइट से एलएसडी ड्रग ऑर्डर करता था।
फिर उसे पार्सल के जरिए मंगवाता था।
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है और आगे की जांच जारी है।
12 घंटे तक रहता है LSD ड्रग का नशा
LSD यानी Lysergic Acid Diethylamide एक हॉल्यूसिनोजेनिक ड्रग है।
यह व्यक्ति के मानसिक संतुलन और सोचने की क्षमता को गहराई से प्रभावित करती है।
इसका असर व्यक्ति की संवेदनाओं, भावनाओं और समय की धारणा तक को बदल सकता है।
यह ड्रग पेपर टैब, लिक्विड ड्रॉप या कैप्सूल के रूप में लिया जाता है।
इसका असर सेवन के 20 से 90 मिनट के भीतर शुरू हो जाता है और नशा 12 घंटे तक बना रह सकता है।
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