छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सत्ता में वापसी से ज्यादा उनके एक मंत्री चौंकाते हैं,
इनको अक्षर ज्ञान शून्य है, ये शपथ भी नहीं पढ़ सके
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार पूरे पंद्रह साल बाद लौटी है। कांग्रेस की वापसी की तरह ही मंत्रिमंडल में शामिल एक मंत्री भी चौंकाते हैं, ये राज्य के बस्तर इलाक़े की कोंटा सीट से कांग्रेस के विधायक है। इनका नाम है कवासी लखमा। इनका अक्षर ज्ञान शून्य है। शपथ का कागज़ भी ये नहीं पढ़ सके। क्योंकि मंत्री जी का अनार आम यानी अ,आ, इ, ई से कोसों दूर तक कोई वास्ता नहीं है। इनके लिए काला अक्षर भैंस बराबर है। कवासी कभी स्कूल की दहलीज़ पर नहीं चढ़े लेकिन क़िस्मत देखिए 20 बरसों से विधायक रहने के बाद जनाब को अब भूपेश बघेल की सरकार में मंत्री पद से नवाज़ा गया है। शपथ के दौरान भले ही उनके हाथों में काग़ज़ हों लेकिन उनसे शपथ नहीं पढ़ी गई। यही वजह थी कि राज्यपाल ने उन्हें शपथ भी दोहराकर दिलवाई।
दुनिया में सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत में है। यही वजह है कि यहाँ इस लोकतंत्र के कई रंग देखने को मिलते हैं। कवासी लखमा भी इसी लोकतंत्र का एक अलग रंग है। कवासी लखमा भले ही अक्षर ज्ञान से दूर हों लेकिन उनका आत्मविश्वास और क़ाबिलियत वाक़ई एक मिसाल है। इसी दम पर अब उनके मंत्रालय की फाईलें दौड़ेंगीं।