-विधायक ने कहा- बर्बाद हो रही नई पीढ़ी
पटना। बिहार के सीएम नीतीश कुमार के शराबबंदी कानून को लेकर सियासत थम नहीं रही। एक ओर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल इसकी सराहना कर रहे हैं तो उनके ही दल के विधायक इस पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
हरिभूषण ठाकुर बचौल के बाद भाजपा के एक और विधायक कुंदन सिंह ने शराबबंदी कानून पर समीक्षा की जरूरत बता दी है। उन्होंने कहा है कि एक बार निश्चित रूप से इसकी समीक्षा होनी चाहिए।
स्कूल जाने वाले बच्चे इसके लिए कैरियर के रूप में काम कर रहे हैं। पूरी पीढ़ी बर्बाद होने के कगार पर है। बेगूसराय के भाजपा विधायक बेगूसराय में पार्टी कार्यालय में मीडिया से बातचीत कर रहे थे।
भाजपा विधायक ने कहा कि पटना में दुल्हन के कमरे में की गई छापेमारी कहीं से उचित नहीं है। शराबबंदी कानून को लागू करने में पूरा प्रशासन लगा है, इससे अन्य अपराध बढ़ रहे हैं। इस कानून के आने के बाद लोगों को अवैध धन उगाही का मौका मिल गया है।
ऐसे लोग पंचायत चुनाव के माध्यम से अवैध कमाई की बदौलत जीत कर समाज की बागडोर संभालने की तैयारी कर रहे हैं। ऐसे लोग पंचायत प्रतिनिधि होंगे तो समाज का क्या होगा।
उन्होंने कहा कि बिहार में ड्रग्स का प्रचलन बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि जो चीज बगल के राज्यों में सही है, वह बिहार में गलत होने जा रही है।
बचौल ने की थी कानून वापस लेने की मांग : बता दें कि शराबबंदी कानून को लेकर राजनीतिक बयानबाजी चरम पर है। राजद ने इस कानून को विफल बता दिया तो मधुबनी जिले के विस्फी विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने तो इसे वापस लेने की मांग कर दी।
इसको लेकर जदयू ने खूब नाराजगी जताई। इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अपमान तक बता दिया। अब एक बार फिर भाजपा की ओर से ही कानून की सफलता पर उंगली उठा दी गई है।
ऐसे में लगता है कि शराबबंदी कानून पर सियासत अभी गरमाई रहेगी। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि शराबबंदी कानून को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए जांच तो जरूरी है ही लेकिन महिलाओं के मामले में पुलिस को महिला कर्मियों के साथ ही जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून सबके हित में है।
शराबबंदी कानून बनाया जाएगा और सख्त : मालूम हो कि इन बयानबाजियों के बीच राज्य के मद्य निषेध विभाग के मंत्री सुनील कुमार ने कहा है कि शराबबंदी कानून में सिकी तरह का बदलाव संभव नहीं है। इसे दिन-प्रतिदिन और सख्त ही किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जनमानस की मांग पर सीएम नीतीश कुमार ने यह कदम उठाया था।