Mokama RJD Leader Murder: बिहार के पटना जिले के मोकामा क्षेत्र में गुरुवार (30 अक्टूबर) को राजनीतिक तनाव उस समय हिंसा में बदल गया, जब जनसुराज के कैंडिडेट पीयूष प्रियदर्शी के काफिले पर हमला हुआ।
इस दौरान उनके साथ चल रहे RJD नेता दुलारचंद यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई। घटना ने इलाके की राजनीति में एक बार फिर से कथित बाहुबलियों की शक्ति और प्रभुत्व की लड़ाई को सुर्खियों में ला दिया है।
घटना बधोर थाना क्षेत्र के बदलू चक गांव के पास हुई। जनसुराज कैंप का आरोप है कि हमला बाहुबली अनंत सिंह के समर्थकों ने किया।
वहीं दूसरी ओर, अनंत सिंह ने इस पूरे घटनाक्रम के पीछे पूर्व सांसद सूरजभान सिंह के लोगों का हाथ बताया है। दोनों पक्ष एक-दूसरे पर हिंसा शुरू करने के आरोप लगा रहे हैं।
कैसे हुआ हमला? चश्मदीदों ने बताई पूरी घटना
घटना के समय मौके पर मौजूद लोगों के मुताबिक, जनसुराज कैंडिडेट का काफिला और अनंत सिंह का काफिला आमने-सामने आ गया था। इसी दौरान बहसबाजी बढ़ी और अचानक मारपीट शुरू हो गई।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, हम लोग पीयूष प्रियदर्शी के काफिले के 10 गाड़ी पीछे थे। सामने से अनंत सिंह के समर्थक आए और अचानक लाठी-डंडों से हमला कर दिया।
कई गाड़ियों के शीशे तोड़ दिए गए। भगदड़ मच गई। इसी बीच दुलारचंद प्रियदर्शी को बचाने उतरे, तो उन पर गोली मार दी गई और फिर गाड़ी चढ़ा दी गई।
मृतक के चचेरे पोते रविरंजन का आरोप है कि यह हमला पहले से रची गई योजना का हिस्सा था।
उसने कहा— अनंत सिंह की ओर से हमें पहले भी जान से मारने की धमकी मिल रही थी। आज 15-20 लोग आए और दादा को गोली मार दी। फिर गाड़ी चढ़ाई। हम डर से उधर जा भी नहीं पा रहे थे।
जनसुराज कैंडिडेट पीयूष प्रियदर्शी बोले — मेरे सामने हुई फायरिंग
पीयूष प्रियदर्शी ने बताया कि उनके सामने 4 राउंड फायरिंग हुई। उन्होंने कहा— गाड़ियों के शीशे तोड़े गए, हथियार लहराए गए, हमें मारने की कोशिश की गई।
दुलारचंद को पैर में गोली मारी गई और फिर उन पर वाहन चढ़ा दिया गया। कई लोग घायल हुए हैं।
जनसुराज की ओर से यह भी कहा गया कि दुलारचंद पार्टी सदस्य नहीं थे, लेकिन मोकामा क्षेत्र में वे हमारे कैंडिडेट को समर्थन दे रहे थे।
अनंत सिंह का पलटवार- यह सब सूरजभान करवा रहा है
घटना के बाद मीडिया से बात करते हुए अनंत सिंह ने कहा कि उन पर लगाए गए आरोप सच नहीं हैं।
उनका कहना है— हम तो चुनाव प्रचार में थे। सामने से जिंदाबाद-मुर्दाबाद हुआ। हमारी गाड़ियों पर पहले हमला हुआ।
ईंट-पत्थर रखे गए थे। हमने किसी पर हमला नहीं किया। यह सब सूरजभान का प्लान है। दुलारचंद उसी के साथ रहता था।
अनंत सिंह लंबे समय से सूरजभान सिंह समूह से राजनीतिक और वर्चस्व की लड़ाई में हैं। मोकामा क्षेत्र की राजनीति में दोनों की प्रतिद्वंद्विता वर्षों पुरानी है।
दुलारचंद यादव का आपराधिक इतिहास
मारे गए दुलारचंद यादव का नाम पहले भी कई आपराधिक मामलों में आया था। वह टाल क्षेत्र का कुख्यात अपराधी माना जाता था।
उस पर जमीन कब्जा, रंगदारी, फायरिंग और अवैध वसूली जैसे कई मामले दर्ज थे।
2019 में तत्कालीन ASP लिपि सिंह (जो बाद में अनंत सिंह के घर छापा मारने को लेकर चर्चा में रहीं) ने उसे गिरफ्तार किया था।
पटना ग्रामीण SP विक्रम सिहाग ने कहा- यह दोनों पक्षों के समर्थकों के बीच झड़प का मामला है।
दुलारचंद की मौत की बात सामने आई है। पैर में गोली मारने और गाड़ी चढ़ाने की बात बताई गई है।
FSL टीम मौके पर जांच कर रही है। आवेदन मिलते ही FIR दर्ज की जाएगी।
मौके पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है ताकि स्थिति न बिगड़े।
आचार संहिता में बंदूकें कैसे घूम रहीं?- तेजस्वी यादव
RJD नेता तेजस्वी यादव ने सरकार और प्रशासन पर सवाल उठाए।
उन्होंने कहा— चुनाव के समय हिंसा की जरूरत नहीं। यह लोकतंत्र के खिलाफ है।
आचार संहिता के बीच बंदूक लेकर घूमने वालों को संरक्षण कौन दे रहा है? इन पर कार्रवाई कौन करेगा?
बता दें इससे एक दिन पहले गया जिले के टिकारी में HAM पार्टी के कैंडिडेट अनिल कुमार सिंह पर भी हमला हुआ था।
पथराव में उनका हाथ टूट गया था। यह घटना भी चुनावी हिंसा से जुड़ी रही।
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