अमित ठाकरे ने महाराष्ट्र नवनिर्माण विद्यार्थी सेना के कार्यकर्ताओं को पत्र जारी किया है

अमित ठाकरे ने महाराष्ट्र नवनिर्माण विद्यार्थी सेना के कार्यकर्ताओं को पत्र जारी किया है

जैसा बाप, वैसा बेटा… राज ठाकरे के बेटे के माथे पर भी सवार हुई मराठी!

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Amit Thackeray Letter: राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत महाराष्ट्र सरकार ने पहली से पांचवी कक्षा तक हिंदी भाषा अनिवार्य किया है। इसे लेकर राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना आक्रामक है। राज ठाकरे ने कहा है कि इस सख्ती को महाराष्ट्र में लागू नहीं होने देंगे। राज ठाकरे के साथ साथ उनके बेटे अमित ठाकरे ने महाराष्ट्र नवनिर्माण विद्यार्थी सेना के कार्यकर्ताओं को पत्र जारी किया है। इस पत्र में हिंदी भाषा की अनिवार्यता रोकने के लिए कई कदम उठाने के लिए कहा गया है।
अमित ठाकरे ने मराठी भाषा को लेकर एमएनएस कार्यकर्ताओं से जनजागृति बैठकें आयोजित करने की अपील की है। आंदोलन के दौरान किसी तरह की हिंसा न हो ये हिदायत भी दी। पिता राज ठाकरे के नक़्शे कदम पर अमित ठाकरे, मराठी भाषा पर पार्टी कार्यकर्ताओं को लिखी चिट्ठी

क्या है अमित ठाकरे की चिट्ठी में

अमित ठाकरे अपने पत्र में कहा,
“स्नेह जय महाराष्ट्र!

राज्य शासन द्वारा लिए गए हिंदी भाषा की अनिवार्यता संबंधी निर्णय के परिपेक्ष में, महाराष्ट्र नवनिर्माण विद्यार्थी सेना के अध्यक्ष, माननीय अमितसाहेब ठाकरे ने इस संदर्भ में एक पत्र जारी किया है । यह पत्र इस संदेश के साथ संलग्न है। मनविसे के पदाधिकारियों को निम्नलिखित कार्य तत्परता और जिम्मेदारी के साथ पूर्ण करने होंगे। ये कार्य निर्धारित नीति के अनुसार, रचनात्मक तरीके से और पूरी संयमितता के साथ किए जाने चाहिए।

  • माननीय अमितसाहेब ठाकरे का पत्र अपने जिले/शहर की सभी सरकारी एवं निजी, मराठी तथा अंग्रेज़ी माध्यम की स्कूलों के प्रधानाध्यापक, संचालक आदि तक पहुंचाना।
  • पत्र वितरण के पश्चात, स्कूलों के बाहर या अपने विभाग के प्रमुख चौराहों पर मनविसे की ओर से हस्ताक्षर अभियान चलाना। इस अभियान के माध्यम से नागरिकों के बीच हिंदी अनिवार्यता के विरोध का संदेश प्रभावी रूप से पहुँचाया जाए, इसका विशेष ध्यान रखें।
  • अपने क्षेत्र के शिक्षकों, शिक्षा विशेषज्ञों, मराठी भाषा के अभ्यासकों तथा सामाजिक कार्यकर्ताओं से संवाद स्थापित करें और उनकी प्रतिक्रियाएं जानें।साथ ही, हिंदी अनिवार्यता के निर्णय के प्रभाव पालकों को समझाने हेतु स्कूलों में जनजागृति बैठकों का आयोजन करें।
  • अपने विभाग के प्रमुख चौराहों पर माननीय राजसाहेब ठाकरे के पत्र के बैनर लगवाएं, जिससे यह भूमिका अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे।
  • अपने क्षेत्र में किए गए सभी उपक्रमों के फ़ोटो, वीडियो तथा संक्षिप्त विवरण विभागीय पदाधिकारियों के माध्यम से आगे भेजें, ताकि राज्यस्तरीय रिपोर्ट में उनका समावेश किया जा सके।

‘आंदोलन में किसी तरह की हिंसा न हो’

अपनी चिट्ठी में अमित ठाकरे ने कहा, “जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, उपरोक्त सभी गतिविधियाँ अत्यंत रचनात्मक, संयमित और शांतिपूर्ण तरीके से की जानी चाहिए. यह सुनिश्चित करें कि यह आंदोलन किसी भी प्रकार से हिंसात्मक न हो. जय महाराष्ट्र! जय एमएनएस!”

गौरतलब है कि महाराष्ट्र में एक बार फिर भाषा विवाद बढ़ता जा रहा है। बीते दिनों राज ठाकरे के कार्यकर्ताओं ने हिंदी भाषा बोलने और मराठी नहीं आने पर शॉपिंग मार्ट के कर्मचारी, बिल्डिंग सुरक्षा गार्ड और बैंक कर्मचारी को मारा पीटा भी था ।

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