Ahmedabad Air India Plane Crash-मौत को मात देने वाले विश्वास कुमार ने बताया जिन्दा बच जाने का कारण

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Ahmedabad Air India Plane Crash: गुजरात के अहमदाबाद में हुई भयावह विमान दुर्घटना में 242 में से 241 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है और एकमात्र जीवित बचे यात्री का नाम है विश्वास कुमार रमेश। भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक विश्वास कुमार रमेश का जीवित बचना एक चमत्कार के रूप में देखा जा रहा है और दुनियाभर के मीडिया में वह सुर्खियों में हैं क्योंकि इतनी बड़ी त्रासदी में किसी का भी जीवित बचना बहुत बड़ी बात है।

एयर इंडिया फ्लाइट AI-171 के एकमात्र जीवित बचे यात्री विश्वास कुमार रमेश से आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अस्पताल में मुलाकात की और उनका हाल जाना।

लंदन के लिए रवाना हुआ बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर गुरुवार दोपहर अहमदाबाद से उड़ान भरने के कुछ क्षण बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जिससे विमान में सवार लगभग सभी लोग और जमीन पर मौजूद कई लोग मारे गए। यात्रियों में विश्वासकुमार और उनके भाई अजयकुमार रमेश भी शामिल थे। मात्र 30 सेकंड के भीतर, भाग्य ने दोनों भाइयों को सदा के लिए जुदा कर दिया। सीट 11A पर बैठे विश्वासकुमार किसी तरह मलबे से लहूलुहान, स्तब्ध और जीवित बाहर निकल आए। उनके भाई, जो उनके सामने की सीट 11J पर बैठे थे, वह इस हादसे में मारे गये। Ahmedabad Air India Plane Crash-मौत को मात देने वाले विश्वास कुमार ने बताया जिन्दा बच जाने का कारण

कल सामने आये उनके वीडियो में उन्हें देखा जा सकता है कि वह घायल अवस्था में यह कहते हुए कि प्लेन फटयो छे प्लेन फटयो छे कहते हुए जा रहे हैं।

हम आपको बता दें कि विश्वासकुमार रमेश एक ब्रिटिश नागरिक हैं जोकि भारत के दीव के रहने वाले हैं। वह पिछले 15 वर्षों से यूनाइटेड किंगडम में रह रहे हैं। वह और उनके भाई अजयकुमार दीव के बुचरवाड़ा और वनकबारा गांवों से ताल्लुक रखते थे और उन 15 यात्रियों में शामिल थे जो इन गांवों से इस उड़ान में सवार थे। लंदन में, दोनों भाई परिधान (गारमेंट) व्यवसाय चलाते थे और साथ ही दीव में एक मत्स्य पालन व्यवसाय (फिशिंग एंटरप्राइज) का भी संचालन करते थे।

सीट टूट गयी और मैं जिन्दा बच गया

ब्रिटिश नागरिक विश्वाश कुमार रमेश विमान के बाईं ओर आपातकालीन द्वार के बगल में 11A में बैठे थे। उन्होंने कहा कि विमान उड़ान भरने के कुछ ही समय बाद टूट गया और उनकी सीट मलबे से अलग हो गई। परिणामस्वरूप, वे विमान के बाकी हिस्सों में लगी आग से बच गए। अहमदाबाद सिविल अस्पताल में उनका इलाज कर रहे डॉक्टरों से उन्होंने कहा, “विमान टूट गया और मेरी सीट निकल गई। इस तरह मैं बच गया।”

रमेश ने डॉक्टरों से कहा कि वे विमान से कूदे नहीं थे, बल्कि विमान के टूटने के समय वे अपनी सीट से बंधे हुए ही बाहर फेंके गए थे। उन्हें चोटें आईं और उन्हें ट्रॉमा वार्ड में निगरानी में रखा गया है।

ज़्यादा कुछ याद नहीं

अहमदाबाद सिविल अस्पताल से विश्वासकुमार ने अपने चचेरे भाई धीरेंद्र सोमाभाई को फोन पर बताया कि विमान ने एक अजीब-सी आवाज की और ऐसा लगा जैसे वह हवा में ठहर गया हो, तभी पायलट की सिहरन भर देने वाली आपात कॉल आई— “मेडे! मेडे! मेडे!” इसके बाद उन्हें ज़्यादा कुछ याद नहीं है— केवल इतना कि उन्होंने किसी दरवाज़े से छलांग लगाई और फिर जब होश आया तो वे मलबे और अफरातफरी के बीच पड़े थे।
कल सामने आये उनके वीडियो में उन्हें देखा जा सकता है कि वह घायल अवस्था में यह कहते हुए कि प्लेन फटयो छे प्लेन फटयो छे कहते हुए जा रहे हैं। बाद में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनकी हालत खतरे से बाहर बताई गयी। बताया जा रहा है कि उनकी पत्नी लंदन में ही रहती हैं और वह अपने परिवार के पास जा रहे थे।

एयर इंडिया विमान दुर्घटना में जीवित बचे एकमात्र शख्स ने विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के कुछ सेकंड बाद एक फोन कॉल में अपने परिवार को बताया, “मुझे नहीं पता कि मैं कैसे जीवित हूं”.

“मुझे नहीं पता कि मैं कैसे जिंदा हूं”

स्काई न्यूज के अनुसार रमेश के भाई ने बताया कि विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के कुछ सेकंड बाद ही एक फोन कॉल में रमेश ने अपने परिवार से कहा, “मुझे नहीं पता कि मैं कैसे जीवित हूं.”

लीसेस्टर से रमेश के भाई नयन ने स्काई न्यूज से कहा कि जब विमान रनवे पर था तब उनके पिता रमेश के साथ फोन पर ही थे। नयन ने कहा, “मेरे पिता ने उसे कॉल किया और रमेश ने कहा ‘ओह, हम जल्द ही उड़ान भरने वाले हैं। ”

दो मिनट बाद, उनके पिता को रमेश का एक वीडियो कॉल आया, जिसमें कहा गया कि विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया है और वह बच गए हैं। नयन ने कहा, “जब वह दुर्घटनाग्रस्त हुआ तो उसने मेरे पिता को वीडियो कॉल किया और कहा, ‘ओह, विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। मुझे नहीं पता कि मेरा भाई कहां है। मैं किसी अन्य यात्री को नहीं देख रहा हूं। मुझे नहीं पता कि मैं कैसे जीवित हूं – मैं विमान से बाहर कैसे निकला। ”

 

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