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Vijay shah case SC HEARING POSTPONED- कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित बयान देकर मुश्किल में फंसे मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह के मामले में अब सोमवार को 19 मई को सुनवाई होगी। विजय शाह के केस की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में 19 मई तक टली
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई को सोमवार तक के लिए टाल दिया गया है।
अब सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से विजय शाह के राजनीतिक भविष्य का फैसला तय होगा।
उधर कांग्रेस मंत्री को पद से न हटाने को लेकर लगातार सरकार पर निशाना साध रही है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों ने राजभवन के बाद धरना प्रदर्शन किया। उधर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मामला कोर्ट में है, कोर्ट के आदेश के हिसाब से कदम उठाया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट में लगी थी यह याचिका
कर्नल सोफिया कुरैशी पर दिए बयान को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट द्वारा दिए गए आदेश और दर्ज कराई गई एफआईआर को रद्द कराने के लिए मंत्री विजय शाह ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। विजय शाह की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में 56 पेज का आवेदन दिया गया। इसमें बताया गया कि इस कार्रवाई से उनकी भी मानहानी हुई है। BNS की प्रक्रिया के तहत कार्रवाई किए जाने से पहले मेरा भी पक्ष सुना जाना चाहिए था, जो नहीं सुना गया।
कार्रवाई में प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का पालन नहीं हुआ है। याचिकाकर्ता के मन में सेना के प्रति काफी सम्मान है और वे बिना शर्त सार्वजनिक रूप से मांफी भी मांग चुके हैं।
विजय शाह मामले में कब क्या हुआ
11 मई को मंत्री विजय शाह ने महू रायकुंडा गांव पहुंचे और यहां एक कार्यक्रम में कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर विवादित बयान दिया। बयान में मंत्री ने कर्नल सोफिया को अतंकियों की बहन बता दिया।
13 मई को मंत्री का विवादित बयान वाला वीडियो वायरल होने के बाद मामला गरमाता देख मंत्री विजय शाह ने बयान को लेकर माफी मांगी।
13 मई को वायरल वीडियो बीजेपी नेताओं तक पहुंचा। इसको लेकर पार्टी संगठन ने मंत्री विजय शाह को कड़ी फटकार लगाई। शाम 7 बजे मंत्री विजय शाह बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से मिलने उनके बंगले पर पहुंचे।
14 मई को कांग्रेस नेताओं ने इसको लेकर विरोध जताया। कांग्रेस ने बीजेपी से मंत्री पर मामला दर्ज कराने और बर्खास्त करने की मांग की।
14 मई को मंत्री विजय शाह के विवादित बयान को लेकर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए 4 घंटे में एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए।
14 मई की रात करीबन सवा 11 बजे इंदौर के मानपुर थाने में विजय शाह के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया।
15 मई को मंत्री की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई।
सुप्रीम कोर्ट से भी उन्हें फटकार मिली। उधर जबलपुर हाईकोर्ट ने दर्ज की गई एफआईआर पर कड़ी नाराजगी जताते हुए इसे कमजोर और असंतोषजनक बताया। कोर्ट ने अपने आदेश को एफआईआर में शामिल करने और उसके हिसाब से जांच करने का आदेश दिया।
ये पहला मौका नहीं, पहले भी विवादित बयान दे चुके शाह
यह पहला मौका नहीं है, जब विजय शाह ने विवादित बयान दिया हो। वे पहले भी कई बार इस तरह के बयान दे चुके हैं।
साल 2013 में जनजातीय कार्य मंत्री रहते खंडवा में एक कार्यक्रम में उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी साधना सिंह पर ही विवादित टिप्पणी कर दी। विजय शाह की इस डबल मीनिंग टिप्पणी से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह बेहद नाराज हो गए, हालांकि विजय शाह ने उनसे माफी मांगी, लेकिन इसके बाद भी उन्हें अपने मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
मंत्री विजय शाह 2020 में फिल्म की शूटिंग के दौरान अभिनेत्री विद्या बालन पर डिनर के लिए दबाव डालने के मामले में भी विवादों में आ चुके हैं। शूटिंग बालाघाट स्थित कान्हा टाइगर रिजर्व में चल रही थी। विद्या बालन ने डिनर से मना कर दिया तो आरोप है कि मंत्री ने फिल्म प्रोडक्शन टीम की गाड़ियों को जंगल में जाने से रोक दिया गया था। हालांकि बाद में मंत्री ने सफाई दी थी कि उन्होंने खुद मुझसे डिनर के लिए कहा था, लेकिन मैंने जवाब दिया था कि अभी यह संभव नहीं है।
मंत्री एक बार बच्चियों की टी-शर्ट बांटते समय की गई टिप्पणी को लेकर भी विवादों में घिर चुके हैं।
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