मिशन पश्चिम बंगाल -दस विधायक भाजपा से जुड़े, शाह बोले चुनाव तक दीदी रह जायेगी अकेली

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कोलकाता। पश्चिम बंगाल में भाजपा ने अपने अभियान का दूसरा चरण शुरू कर दिया। दो दिन के बंगाल दौरे अमित शाह शनिवार को पहुंचे। मिदनापुर में उन्होंने रैली की। यहां उनकी रैली के दौरान तृणमूल छोड़ चुके और ममता के खास पूर्व मंत्री शुभेंदु अधिकारी ने भाजपा का दामन थाम लिया।

सांसद सुनील मंडल, पूर्व सांसद दशरथ तिर्की और 10 और विधायक भी भाजपा में शामिल हुए। इनमें 5 विधायक तृणमूल कांग्रेस के हैं। इस पर शाह ने कहा कि चुनाव आते-आते दीदी (ममता बनर्जी) अकेली रह जाएंगी।

शाह ने कहा कि शुभेंदु की अगुआई में आज सभी अच्छे लोग भाजपा से जुड़े हैं। दीदी कहती हैं कि भाजपा दलबदल कराती हैं। दीदी जब कांग्रेस छोड़कर तृणमूल में आई थीं, वो क्या था।

चुनाव आते-आते तृणमूल खाली हो जाएगी। जो हमारे साथ आ रहे हैं, वो मां-माटी-मानुष के नारे के साथ निकले थे। अमित शाह ने कहा कि ममता दीदी, इस बार चुनाव परिणाम आएं तो देख लेना भाजपा 200 से ज्यादा सीटें जीतेगी।

शाह बोले बंगाल में टोलबाजी बढ़ गई। गुंडों को शरण दी जा रही है। मोदी जी ने जो अम्फान तूफान आने के बाद जो पैसे भेजे, वो गुंडों के पास चले गए। हमने अनाज भेजा, वो ममता के कार्यकर्ताओं के हिस्से में चला गया। हाल ही में हमारे पार्टी अध्यक्ष नड्डा जी की गाड़ी पर पथराव किया गया। दीदी, जितनी हिंसा करोगी, भाजपा कार्यकर्ता उतना तेज जवाब देगा।

दीदी, पूरा बंगाल आपको हटाने के लिए खड़ा हुआ है। मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि बंगाल के मजदूरों, किसानों, युवाओं की समस्याओं का समाधान मोदी जी सरकार ही कर सकती है। आपने तीन दशक कांग्रेस को मौका दिया। कम्युनिस्टों को 27 साल दिए। ममता को 10 साल दिए। हमें एक मौका दीजिए, बंगाल को सोनार बांग्ला बना देंगे।

रामकृष्ण आश्रम से मिशन बंगाल की शुरुआत

अमित शाह ने मिशन बंगाल की शुरुआत रामकृष्ण आश्रम जाकर की। यहां उन्होंने रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद वे स्वतंत्रता सेनानी खुदीराम बोस के घर गए और उनके परिवार वालों से मुलाकात की। यहां उन्होंने कहा कि खुदीराम बोस के घर आकर नई ऊर्जा का अनुभव कर रहा हूं।

गृह मंत्री ने कहा कि बंगाल की मिट्टी को कपाल पर लगाने का सौभाग्य मिला। स्वतंत्रता संग्राम में बंगाल और बंगालियों का योगदान कोई भुला नहीं सकता। खुदीराम बोस ने सिर्फ 18 साल की उम्र में देश के लिए जान दे दी। उस समय कई युवा धोती पर उनका नाम लिखने लगे थे।

उन्होंने कहा कि ये संयोग ही है कि आज ही के दिन राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, रोशन सिंह और राजेंद्र नाथ लाहिड़ी को भी फांसी हुई थी। युवाओं से कहना चाहता हूं कि देश के लिए मरने का मौका तो नहीं मिला, पर देश के लिए जीने का मौका जरूर मिला। खुदीराम बोस के सिद्धांतों पर चलकर हम भविष्य के काम करेंगे।

खुदीराम बोस जितने बंगाल के थे, उतने भारत के लिए थे। बिस्मिल जितने यूपी के थे, उतने भारत के थे। बंगाल में जैसी ओछी राजनीति देखी जा रही है, वैसी पहले कभी नहीं देखी गई। शाह के साथ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष और कैलाश विजयवर्गीय मौजूद हैं।

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