कोलकाता। पश्चिम बंगाल में भाजपा कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। बिहार की जीत ने भाजपा को मजबूत किया। भाजपा ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के लिए केंद्रीय मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों की फ़ौज को मैदान में उतारने का फैसला किया है।
रणनीति के तहत एक एक मंत्री के जिम्मे पांच लोकसभा सीट रहेगी। राज्य के प्रभारी और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय पूरे इलाके में सक्रिय हैं।
अब तक भाजपा पश्चिम बंगाल की सत्ता के करीब भी नहीं पहुंच पाई है। यही वजह है कि इस बार उसने चुनाव से पहले केंद्रीय मंत्रियों, एक उप मुख्यमंत्री और राष्ट्रिय स्तर के नेताओं को मैदान में उतार दिया है। गृहमंत्री अमित शाह 19 और 20 दिसंबर को राज्य के दौरे पर जाएंगे।
पार्टी के सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि गृह मंत्री के बाद केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत, संजीव बालियान, प्रह्लाद पटेल, अर्जुन मुंडा और मनसुख मंडाविया अगले कुछ दिनों में राज्य का दौरा करेंगे। इससे पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा दो दिन के लिए बंगाल गए थे।
भाजपा देख रही जीत की संभावनाएं
सूत्रों ने कहा कि उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री नरोत्तम मिश्रा को भी पश्चिम बंगाल में जिम्मेदारी सौंपी गई है।
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने भी इसकी पुष्टि की कि उन्हें नॉर्थ बंगाल में पार्टी की चुनावी तैयारियों का जिम्मा दिया गया है। इससे साफ है कि पार्टी इस बार अपने लिए अच्छा मौका देख रही है और चुनाव जीतने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती।
ये सभी नेता 19 दिसंबर को अमित शाह की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में हिस्सा लेंगे। पार्टी ने अपने पदाधिकारियों को पांच अलग-अलग जोन से फीडबैक लेने की जिम्मेदारी सौंपी है। 2019 के चुनाव में भाजपा 42 लोकसभा सीटों में से 18 जीतकर सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरी। थी।
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