इंदौर, राजनीतिक दल धर्म, मंदिर, भगवान के नाम का इस्तेमाल करने में जरा भी नहीं हिचकते. बीजेपी ने शनिवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जन दर्शन यात्रा में भी यही किया. प्रदेश के दूरदराज के ग्रामीणों को भगवान महांकाल के दर्शन के नाम पर उज्जैन लाया गया. उज्जैन लाकर उन्हें महांकाल के तो नहीं शिवराज के दर्शन करा दिए गए. भजन कीर्तन की जगह इन श्रद्धालुओं को शिवराज और अमित शाह के भाषण सुनकर लौटना पड़ा.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ के लिए जुटाई गई भीड दरअसल उज्जैन दर्शन के नाम पर लाई गई थी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जन आशीर्वाद यात्रा को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह यात्रा चुनावी यात्रा है और अगले 55 दिनों तक 230 विधानसभा तक यात्रा पंहुचेगी। शाह के कार्यक्रम में इलाके के बीजेपी नेताओं को सवा लाख लोगों की भीड लाने का लक्ष्य दिया गया था। भीड जुटाने के लिए नेताओं ने उज्जैन दर्शन का कराए जाने के लिए ग्रामीणों को प्रलोभन दिया। ब्लैक एंड व्हाइट ने अपनी पडताल में पाया कि जिन लोगों को बीजेपी के झंडे लगी बसों में ढो कर उज्जैन लाया गया उन्हें शिवराज की जन आशीर्वाद यात्रा से कोई लेना देना नहीं था। अमित शाह को तो ये ग्रामीण महिलाएं जानती तक नहीं।
बेटमा से आ रही एक बीजेपी के झंडे-पोस्टर लगी एक बस इंदौर से उज्जैन के बीच खराब हो गई। बस में करीब 30 ग्रामीण महिलाएं सवार थी। महिलाएं नीचे उतर कर उज्जैन पंहुच कर दर्शन करने की आस में सडक किनारे बैठी हुई थीं। महिलाएं तीर्थ यात्रा में जाने के दौरान गाये जाने वाले मंगल गान गा रही थीं। बस में सवार ग्यारसी बाई से जब पूछा गया कि वे कहां जा रही हैं तो उन्होंने तपाक से जवाब दिया कि वो उज्जैन में देव दर्शन के लिए जा रही हैं। ग्यारसी बाई अमित शाह को नहीं जानती। उनके पास बैठी देवकन्या बीजेपी के कार्यक्रम से पूरी तरह अनजान थीं। रुखमा और बिंदु का कहना था कि उनके इलाके की पार्षद ने उन्हें उज्जैन ले जाकर तीर्थ दर्शन की बात कह कर लाई हैं। इन महिलाओं को तो ये ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ का नाम भी नहीं मालूम था। ये महिलाएं भोले पन में सबकुछ सच-सच बता ही रही थी कि इसी बीच बेटमा के वार्ड क्रमांक 9 की बीजेपी पार्षद नीतू चंद्रा हांफते हुए महिलाओं के पास पंहुची और कहने लगी कि वे सब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को आशीर्वाद देने के लिए उनकी जन आशीर्वाद यात्रा में जा रही हैं। पार्षद यहीं नही रुकी उन्होंने हाथों हाथ महिलाओं को सीखाना पढाना भी शुरु कर दिया। वो तोते की तरह उन्हें रटाने लगी कि हम सब बीजेपी के कार्यक्रम में जा रही हैं। समय मिला तो दर्शन भी कर लेंगे। पार्षद नीतू का यह रुख देखकर महिलाएं उनका चेहरा देखने लगी।
ठीक ऐसी ही खबर देवास के मालीपुरा से भी आई। शनिवार की सुबह यहां पंहुची एक बस में आवाज लगाते सुना गया कि ये बस उज्जैन में देव दर्शन कराने के लिए यहां आई है। जिसे भी उज्जैन चलकर महाकाल के दर्शन करना हो बस में सवार हो जाएं। देवास के अरुण पडियार ने उन बसों की तस्वीर ब्लैक एंड व्हाइट मीडिया को भेजी है जिसमें लोगों को महाकाल दर्शन के झूठे दिलासे देकर अमित शाह की रैली में ले जाया गया।
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