सुषमा ने विदेशी मूल के मुद्दे के हवा देते हुए कहा था -.सिर मुड़ाऊंगी, चने खाऊंगी…सफेद साड़ी पहनूंगी यदि कोई विदेशी प्रधानमंत्री बना
इंदौर। कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री बनने से रोकने में सुषमा स्वराज की बड़ी भूमिका थी। सुश्री स्वराज ने सोनिया के विदेशी मूल का जमकर विरोध किया। स्वराज ने ये तक कह दिया कि 125 करोड़ की आबादी वाले देश को एक विदेशी को प्रधानमंत्री बनाना पड़े, ये शर्मनाक है। 2004 में लोकसभा चुनाव के नतीजों में कांग्रेस को बहुमत मिला। संभावना बलवती थी कि देश की बागडोर तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी संभालेंगी। बस, फिर क्या था। सुषमा स्वराज ने एक आंदोलन का ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी यदि देश की प्रधानमंत्री बनती हैं तो वह अपना सिर मुंड़वा लेंगी, भुने चने खाएंगी और जमीन पर ही सोएंगी और सफेद साड़ी पहनेंगी।
सुषमा ने यह संकल्प लेने की वजह बाद में बताई भी थी। उन्होंने एक साक्षात्कार में बताया था कि भारत 125 करोड़ लोगों का देश है और उनके लिए शर्म की बात थी कि इतने बड़े देश में कांग्रेस पार्टी को एक भारतीय प्रधानमंत्री नहीं मिल रहा था। सुषमा की इस घोषणा के बाद पूरे देश में विदेशी मूल का मुद्दा छा गया। बड़ी संख्या में कांग्रेसी भी सोनिया को विदेशी मानने लगे। देखते ही देखते इस मुद्दे ने तूल पकड़ लिया। बाद में सोनिया गांधी को अपना नाम वापस लेना पड़ा। राष्ट्रपति अब्दुल कलाम से मिलकर सोनिया गांधी ने साफ़ किया कि वे प्रधानमंत्री नहीं बनेंगी। इसके बाद सोनिया गांधी ने मनमोहन सिंह के नाम का ऐलान किया.