मध्यप्रदेश कांग्रेस ने अब संगठन की मजबूती का फार्मूला तैयार किया है, इसके तहत निकाय चुनाव में बेहतर काम करने वालों को ही सगंठन में जगह मिलेगी, बड़े नाम होंगे बाहर
इंदौर/दिल्ली। मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने अपने संगठन को मजबूती देने का काम शुरू कर दिया है। प्रदेश कांग्रेस ने इसके लिए दिल्ली एक फार्मूला भेजा है। इसके तहत जल्द ही प्रदेश की वर्तमान कार्यकारिणी को भंग कर दिया जाएगा। इसके बाद नई कार्यकारिणी का गठन होगा। इसमें नए और जमीनी चेहरों को ही तवज्जो मिलेगी। प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ और कांग्रेस आलाकमान संगठन में बड़ा बदलाव करने पर सहमत हो गए हैं।
कांग्रेस आलाकमान के नजदीकी सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस अगले विधानसभा चुनाव के हिसाब से कार्यकारिणी बनाने में लगी है। प्रदेश कार्यकारिणी का गठन निकाय चुनाव के बाद होगा। इसके पीछे पार्टी का मानना है कि इन चुनावों के जरिये बेहतर परिणाम देने वालों को परखा जाएगा। जो भी कार्यकर्ता नेता अपने इलाके में बेहतर परिणाम देगा उसे पार्टी संगठन में जगह मिलेगी।
एक तरह से पार्टी नगरीय निकाय चुनाव में बड़े क्षत्रपों की भूमिका का भी आकलन करेगी।इन चुनावों के जरिये बड़े नेताओं की भी परीक्षा होगी। ऐसे सभी बड़े नेता जो अपने इलाके में चुनाव जिताने में विफल रहेंगे, उनको भी संगठन से बाहर करने का मन पार्टी बना चुकी है। सूत्रों के मुताबिक इस फॉर्मूले पर कांग्रेस आलाकमान और प्रदेश नेतृत्व के बीच सहमति बन चुकी है।
कई बड़े क्षत्रपों को भी आखिरी मौका
प्रदेश कांग्रेस इस फॉर्मूले से कार्यकर्ताओं से ही भविष्य के चेहरे खड़े करना चाहती है। निकाय चुनाव में जीत -हार से प्रदेश में कई बड़े क्षत्रपों का भी भविष्य तय होगा। एक विश्लेषण के मुताबिक बरसो से संगठन में कई ऐसे चेहरे जमे हुए हैं, जिनके इलाकों में पार्टी कोई चुनाव नहीं जीत सकी। वे खुद भी चुनाव हार चुके है। ऐसे नेताओं को निकाय चुनाव एक आखिरी मौका होगा। यदि इस बार भी वे कुछ नहीं कर सके तो उनको बाहर का रास्ता दिखाकर पार्टी नए चेहरों को अवसर देगी।
संगठन में बदलाव का फार्मूला
जो काम करेगा, उसे ही तवज्जों
– नगरीय निकाय चुनाव में एक-एक वार्ड तक के कामों पर रहेगी नजर। यहाँ की जीत -हार से तय होगा संगठन के चेहरों का नाम।
– जिस इलाके में पार्टी बड़े मतों से जीतेगी उस इलाके के प्रभारी और कार्यकर्ताओं को उनकी मेहनत का इनाम मिलेगा।
– जिन इलाकों में बड़े क्षत्रपों के रहते भी पार्टी चुनाव हार जायेगी, ऐसे क्षत्रपों को भी संगठन से बाहर किये जाएगा।
– बड़े नेताओं के नाम वाले इलाकों में जीत के पीछे जो कार्यकर्त्ता सक्रिय रहेंगे, उनको पूरी तवज्जों मिलेगी।
– प्रत्येक इलाके से एक निजी कंपनी के जरिये फीडबैक लेने के फॉर्मूले पर भी कांग्रेस पार्टी विचार कर रही है।