ममता की चुनौती.. मोदी जी देश की महिलाओं को नहीं अपनी पत्नी को सिन्दूर दीजिये !

ममता ने मोदी को दी टीवी पर लाइव डिबेट की चुनौती, बोलीं, दम हो तो आज चुनाव करवा लो !

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कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा के चुनाव में अभी छह माह से ज्यादा का वक्त है, लेकिन गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच जिस अंदाज़ में वार-पलटवार हुआ, उससे चुनावी सेज सजती मालूम पड़ी। ममता ने मोदी को दी टीवी पर लाइव डिबेट की चुनौती, बोलीं , दम हो तो आज चुनाव करवा लो !

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बंगाल सरकार पर भ्रष्टाचार, कानून-व्यवस्था की खराबी और क्रूरता का आरोप लगाने के कुछ ही घंटों बाद, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नबन्ना से जोरदार पलटवार किया। उन्होंने मोदी को लाइव टीवी बहस में आमने-सामने आने की चुनौती दी और भाजपा से कहा कि “कल ही चुनाव हो जाएं— हम तैयार हैं।

बनर्जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी कहा, “कृपया याद रखें कि हर महिला सम्मान की हकदार है। वे अपने पतियों से सिंदूर लेती हैं। पीएम मोदी हर किसी के पति नहीं हैं; आप (मोदी) पहले अपनी पत्नी को सिंदूर क्यों नहीं देते? मुझे खेद है कि मुझे इन मामलों में नहीं पड़ना चाहिए, लेकिन आप हमें ऑपरेशन सिंदूर और ऑपरेशन बंगाल के नाम पर बोलने के लिए मजबूर करते हैं।

ममता ने मोदी से कहा, “अगर हिम्मत है तो मेरे साथ लाइव डिबेट में आमने-सामने आइए. जनता फैसला करे.” उनके तेवर तीखे थे. मोदी ने दरअसल, अलीपुरद्वार रैली में तृणमूल कांग्रेस पर सांप्रदायिक अशांति, बेरोजगारी के लिए हमला बोला और उसे “निर्मम सरकार” बताया था

मोदी ने तृणमूल सरकार में “पश्चिम बंगाल को परेशान करने वाले पांच बड़े संकटों” को गिनाया। “पहला है व्यापक हिंसा और कानून-व्यवस्था की स्थिति, जो समाज के ताने-बाने को तोड़ रही है. दूसरा, माताओं और बहनों के बीच बढ़ती असुरक्षा की भावना है, जिसे उनके खिलाफ किए जा रहे जघन्य अपराधों ने और बढ़ा दिया है. तीसरा संकट, युवाओं में बेरोजगारी और रोजगार के अवसरों की कमी के कारण निराशा है, जबकि चौथा- भ्रष्टाचार है, जिसने व्यवस्था को नष्ट कर दिया और राज्य सरकार में जनता का विश्वास खत्म कर दिया। ममता ने मोदी को दी टीवी पर लाइव डिबेट की चुनौती, बोलीं , दम हो तो आज चुनाव करवा लो !

पांचवां संकट- सत्तारूढ़ पार्टी की स्वार्थी राजनीति से उत्पन्न होता है, जो गरीबों को उनके अधिकारों से वंचित कर रही है. मुर्शिदाबाद और मालदा की घटनाएं टीएमसी सरकार की निर्ममता और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में उसकी विफलता के स्पष्ट उदाहरण हैं।

इसके जवाब में ममता ने प्रधानमंत्री पर सेना के “ऑपरेशन सिंदूर” का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया और कहा, “आपने इसका नामकरण अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए किया। आज बीजेपी के वोटर भी सेना के समर्थन में हैं, लेकिन प्रधानमंत्री राजनीति की होली खेलने में व्यस्त हैं।
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उन्होंने सवाल किए- जब सेना को पहचान की ज़रूरत थी, तब आप कहां थे? अब तक आतंकवादी क्यों नहीं पकड़े गए? आप तो हर बात के लिए विदेश चले जाते हैं, अब सिक्किम भी नहीं जा पा रहे. क्या आप डर गए हैं?

मोदी की कूटनीतिक चुप्पी पर भी तंज कसा और डोनाल्ड ट्रम्प का जिक्र किया. “आप खुद को वैश्विक नेता कहते हैं, लेकिन जैसे ही अमेरिका बोलता है, आप चुप हो जाते हैं. ये कैसी हैसियत है?” ममता ने भाजपा पर विभाजनकारी मंशा का आरोप भी लगाया. पूछा, “असम से लोग क्यों लाए जा रहे हैं?

उत्तर बंगाल अब आप पर भरोसा नहीं करता. वे आपके नाटक को समझ चुके हैं.” मोदी के भ्रष्टाचार के आरोपों पर पहले “अपने घर” की ओर देखने की सलाह दी. उन्होंने कहा, “यहां भ्रष्टाचार पकड़ा जाता है तो हम कार्रवाई करते हैं. लेकिन जब गुजरात या मध्यप्रदेश में कोई पाकिस्तान के लिए जासूसी करते पकड़ा जाता है, तो आपकी सरकार क्या करती है?”

 

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