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सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस की तरफ से शामिल हुई नेपानगर विधायक ने भाजपा का हाथ थाम लिया, कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं भनक तक नहीं लगी
इंदौर। मध्यप्रदेश में कांग्रेस का कोई खैरख़्वाह नहीं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ रोज सरकार के खिलाफ एक पत्र लिखकर अपनी मौजूदगी जता रहे। कांग्रेस के मीडिया अध्यक्ष जीतू पटवारी सिर्फ सोशल मीडिया के नेता बनते दिख रहे हैं। वे अपने अधकचरे और विवादित ट्वीट के जरिये चर्चा में हैं। वे शायद चाहते भी यही है।
दिग्विजय सिंह को सिर्फ अपनी राज्यसभा सीट और बेटे की राजनीति चमकाने की चिंता है। कुल मिलाकर प्रदेश कांग्रेस अब पूरी तरह से ‘पार्टी जाए तेल लेने’ वाले वाक्य काम कर रही है। खुद को सबसे बड़ा साबित करने के फेर में किसी को पार्टी की चिंता नहीं है। शुक्रवार को कॉग्रेस की एक और विधायक ने पार्टी छोड़कर भाजपा का हाथ थाम लिया। आधे घंटे पहले तक कॉग्रेस के साथ मीटिंग में शामिल इस विधायक के बारे में तमाम मंझे, नेताओं को भनक तक नहीं लगी। ये कांग्रेस की प्रदेश के संगठन में कमजोर और धड़ेबाजी को दर्शाता है।
शुक्रवार को बजट सत्र के लिए बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में ही कांग्रेस की बैलेंस फिर गड़बड़ा गई।नेपानगर से कांग्रेस विधायक सुमित्रा कासडेकर सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस की तरफ से शामिल हुई और आधे घंटे बाद वे भाजपा में शामिल हो गई। प्रदेश में कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे का सिलसिला जारी है। सुमित्रा देवी कासडकर ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।
इसके बाद उन्होंने प्रदेश भाजपा कार्यालय में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में भाजपा की सदस्यता ली। बताते हैं कि कांग्रेसी करीब आधा दर्जन विधायक अभी भी भाजपा के संपर्क में हैं जो उप चुनाव की घोषणा के पहले इस्तीफा दे सकते हैं।
शुक्रवार को विधानसभा में बजट सत्र को लेकर सर्वदलीय बैठक थी। सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदोरिया इस बैठक के खत्म होने का इंतजार कर रहे थे। जैसे ही बैठक खत्म हुई वे अपनी गाड़ी में बिठाकर सुमित्रा देवी को सीधे विधानसभा भवन ले गए। यहां सुमित्रा देवी ने प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया। इस्तीफा को तुरंत स्वीकारते हुए शर्मा ने नेपानगर सीट को रिक्त घोषित कर दिया।
इसके बाद भदौरिया और सुमित्रा देवी प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंचे। मुख्यमंत्री चौहान और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने सुमित्रा देवी को भाजपा की सदस्यता दिलाई। भाजपा में जाने के बाद सुमित्रा देवी ने प्रदेश की निवर्तमान कांग्रेसी सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। चार महीने से
भाजपा के संपर्क में कांग्रेस को खबर नहीं
पिछले 4 महीने में कांग्रेस के अभी तक 24 विधायक भाजपा में आ चुके हैं। सूत्र बताते हैं कि सुमित्रा देवी राज्यसभा के चुनाव के समय से ही भाजपा के संपर्क में थी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इस काम को अंजाम देने का जिम्मा मंत्री भदौरिया को दिया था। कांग्रेस जब नेता प्रतिपक्ष चुनने की तैयारी में लगी थी उसी वक्त भाजपा ने उसके विधायक दल से एक विधायक और लेकर कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। अब मध्यप्रदेश में 26 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होंगे।
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