-टाएमसी ने किया विरोध
नई दिल्ली। लखीमपुर कांड पर संसद के अंदर और बाहर सियासी संग्राम के फिलहाल थमने के आसार नहीं दिख रहे हैं। विपक्ष राज्यसभा के 12 सदस्यों के निलंबन और लखीमपुर खीरी कांड में गिरफ्तार आशीष मिश्र के पिता और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के इस्तीफे की मांग पर अड़ा हुआ है।
विपक्षी दल अपनी मांग को लेकर ने दोनों सदनों में हंगामा कर रहे हैं जिसकी वजह से लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही कई बार बाधित हुई। गृह राज्य मंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर राहुल गांधी समेत विपक्षी सांसदों ने संसद भवन में गांधी प्रतिमा से लेकर विजय चौक तक विरोध मार्च निकाला।
वहीं, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री, स्मृति ईरानी ने लोकसभा में बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक, 2021 पेश किया है। इसके बाद लोकसभा की कार्यवाही को 22 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
चुनाव सुधार बिल राज्यसभा से भी हुआ पास : चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक, 2021 आज राज्यसभा में भी पारित हो गया। यह बिल सोमवार को लोकसभा में पास हुआ था। इस विधेयक के मसौदे में कहा गया है कि मतदाता सूची में दोहराव और फर्जी मतदान रोकने के लिए वोटर कार्ड और सूची को आधार कार्ड से जोड़ा जाएगा।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री, स्मृति ईरानी ने लोकसभा में बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक, 2021 पेश किया। विधेयक में महिलाओं की शादी की उम्र 18 साल से बढ़ाकर 21 साल करने का प्रावधान है।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक, 2021 पर कहा कि हम सरकार को सलाह देना चाहते हैं कि जल्दबाजी में काम करने से गलतियां होती हैं।
इस मामले को लेकर भारत में काफी चर्चा हो रही है। सरकार ने न तो किसी हितधारक से बात की है और न ही किसी राज्य से सलाह ली है। हम मांग करते हैं कि विधेयक को स्थायी समिति के पास भेजा जाए।
टीएमसी सांसद सौगत राय ने कहा कि जिस तरह से सरकार जल्दबाजी में बिल लाई है उसका मैं विरोध करता हूं। इस विधेयक पर सभी हितधारकों के बीच पूर्ण चर्चा की आवश्यकता है। अल्पसंख्यक लोग इस बिल का पूरी तरह से विरोध कर रहे हैं।
हजारों बोगस लोगों का नाम हट जाएगा : चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक पर भाजपा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि राजद और तृणमूल कांग्रेस के लोग बोगस मतदाता सूची के बल पर चुनाव जीतकर आते रहे हैं।
अब इन लोगों को डर है कि आधार से जोड़ दिया गया तो एक आदमी का नाम एक ही जगह रह पाएगा और हजारों बोगस लोगों का नाम हट जाएगा।
बोलने का मौका नहीं देती सरकार: डोला सेन : टीएमसी सांसद डोला सेन ने कहा कि प्रधानमंत्री हर दिन सदन की गरिमा को कम कर रहे हैं। कृषि कानूनों को निरस्त करने, विमुद्रीकरण जैसी घोषणाएं बिना चर्चा के की गई। 10 मिनट में बिल पास हो जाते हैं। जब वे हमें बोलने का मौका नहीं देते तो हम चिल्लाते हैं, नारे लगाते हैं।
निलंबित सांसदों ने संसद की गरिमा को कम किया : केंद्रीय मंत्री एआर मेघवाल ने कहा है कि निलंबित सांसदों ने संसद की गरिमा को कम किया है। उन्हें कुछ पछतावा होना चाहिए। अगर वे माफी मांगते हैं, तो सरकार निलंबन को रद्द करने के बारे में सोचेगी। संसदीय परंपरा रही है अगर कोई सांसद संसद की गरिमा को कम करने के लिए कुछ करता है, तो उन्होंने माफी मांगी।
कांग्रेस ने दिया स्थगन प्रस्ताव : लखीमपुर खीरी कांड को लेकर कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने राज्यसभा में बिजनेस नोटिस दिया, साथ ही गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के तत्काल इस्तीफे की मांग की है।
लखीमपुर खीरी कांड पर ही कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव दिया है। वहीं, सीपीआइ (एम) सांसद डा. वी शिवदासन ने AFSPA को वापस लेने पर चर्चा करने के लिए राज्यसभा में नियम 267 के तहत निलंबन नोटिस दिया है।
भाजपा ने जारी किया तीन पंक्तियों का व्हिप : भारतीय जनता पार्टी ने मंगलवार को राज्यसभा में सरकार के रुख का समर्थन करने और विधेयकों के समर्थन में मतदान करने के लिए अपने सदस्यों की अनिवार्य उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए सोमवार को तीन पंक्तियों का व्हिप जारी किया था।
सोमवार को ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी मंत्रिमंडल के वरिष्ठ मंत्रियों के साथ संसद में एक बैठक की और विभिन्न मसलों के साथ-साथ बाकी शीत सत्र के लिए आगे की रणनीति पर विचार-विमर्श किया।
पहले दिन से ही प्रभावित हो रही कार्यवाही : राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने सदन के 12 सदस्यों के निलंबन के मुद्दे पर जारी गतिरोध का समाधान निकालने की दिशा में कोई प्रगति नहीं होने पर नाखुशी व्यक्त की। इस वजह से संसद के उच्च सदन की कार्यवाही शीतकालीन सत्र के पहले दिन से ही प्रभावित हो रही है। बता दें कि संसद के शीतकालीन सत्र का 23 दिसंबर को समापन हो रहा है।