भोपाल। कांग्रेस में सब कुछ ठीक दिख रहा है, पर अंदर से कुछ भी ठीक नहीं है. आज भोपाल की बैठक में ये सामने भी आ गया. पूर्व सांसद मिनाक्षी नटराजन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के सामने भरी मीटिंग को छोड़कर चली गई. भोपाल के प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में सोमवार को पार्टी के पूर्व सांसद और विधायकों की बैठक थी. मिनाक्षी दूसरी पंक्ति में बैठी थीं. कमलनाथ ने उन्हें मंच पर आने को कहा, पर वे कमलनाथ की आवाज की अनसुनी बैठक से बाहर चली गई. कमलनाथ उन्हें आवाज लगाते रह गए. दरअसल मंदसौर संसदीय क्षेत्र में मिनाक्षी से बिना सलाह लिए कार्यकारिणी की घोषणा कर दी गई. इस बात को लेकर वे लगातार नाराज हैं. इसी नाराजगी के चलते राहुल गांधी की सभा में भी उन्हें विशेष तवज्जों दी गई.
असल में, कुछ महीनों पहले मिनाक्षी नटराजन के विरोध के बावजूद मंदसौर के स्थानीय नेता को पार्टी में जगह दे दी गई थी। इससे नाराज होकर नटराजन ने पार्टी के पदों से इस्तीफा दे दिया था। तभी से वह पार्टी से नाराज चल रही थीं। इस घटना से एक बार फिर से कांग्रेस में गुटबाजी बाहर आ गई है। इससे पहले भी मिनाक्षी नटराजन की प्रदेश कांग्रेस से उस वक्त टकराहट सामने आई थी, जब नव नियुक्त प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने प्रदेश कांग्रेस की समितियां बनाईं थीं। उस दौरान नटराजन के समर्थकों ने नीमच, मंदसौर और रतलाम में बड़े पैमाने पर पार्टी पदों से इस्तीफे देने शुरू कर दिए थे।
यह भी बताया जा रहा है कि हाल ही में कमलनाथ द्वारा गठित प्रदेश कार्यकारिणी में महिला सदस्यों की संख्या कम रखी गई है और नटराजन से भी उस बारे में कोई सलाह नहीं ली गई है। इससे वे नाराज बताई जा रही हैं। मीनाक्षी नटराजन ने कहा है कि वह कमलनाथ की परमीशन से बाहर गई थीं। बैठक छोड़कर जाने संबंधी कोई मामला नहीं है.
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