भोपाल. भारतीय जनता पार्टी मध्यप्रदेश में इस वक़्त अलग ही खेल खेलती दिख रही है. पार्टी का आईटी सेल इनदिनों शिवराज या बीजेपी से ज्यादा कांग्रेस के ज्योतिरादित्य के लिए सक्रिय है. सेल सोशल मीडिया और दूसरे प्लेटफार्म पर सिंधिया को मुख्यमंत्री बनवाने का अभियान छेड़ा हुआ है. सिंधिया के नाम से बहुत से फोटो जारी हो रहे हैं जिनमे उन्हें मुख्यमंत्री का दावेदार बताया जा रहा है. दिलचस्प ये है कि इस तरह के फोटो और अभियान बीजेपी से जुड़े लोग ही आगे बढ़ा रहे हैं। बहुत पड़ताल के बाद भी नतीजा यही निकलता है कि बीजेपी से जुड़े लोगों ने ही इसे वायरल किया हुआ है. आखिर क्यों बीजेपी मीडिया सेल ज्योतिरादित्य को मुख्यमंत्री बनवाने पर काम कर रहा है ?
दरअसल, प्रदेश में बीजेपी घबराई हुई सी दिख रही है. पिछले एक सप्ताह में करीब 5 विधायकों को जनता ने अपने क्षेत्र से दौड़कर लौटाया. मंत्री दीपक जोशी को झूठा बताया. मोदी की इंदौर और राजगढ़ सभा में काले झंडे का इतना खौफ रहा कि काले कपडे वालों तक को सभा में प्रवेश नहीं दिया गया. कमलनाथ के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद बाद कांग्रेस में अभी किसी तरह का भीतरघात या आपसी खेमेबाजी सामने नहीं दिख रही है (कांग्रेस कितनी भीतरघात से दूर है -ये भी हम बतायेंगे अगले लेख में ) एकजुट दिखती कांग्रेस और कमजोर होती बीजेपी के बीच का संघर्ष है कि बीजेपी अब अपने आईटी सेल के जरिये कांग्रेस में फूट डालने की कोशिश में हैं. साथ ही वो जनता को ये मेसेज भी देने में लगी है कि कांग्रेस में कमलनाथ और सिंधिया के बीच लड़ाई है, इनको वोट मत देना.
बीजेपी यहां ये भूल रही है कि अमित शाह मंच से कह गए हैं कि अगला चुनाव शिवराज के नाम पर नहीं लड़ा जाएगा. ऐसे में जनता बीजेपी पर भी सवाल करेगी. सिंधिया के ठीक दो दिन पहले कमलनाथ होंगे अगले मुख्यमंत्री ऐसा पोस्टर भी वायरल किया गया. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र सिंह सलूजा ने कहा कि कांग्रेस एकजुट है और यहाँ किसी तरह का कोई संघर्ष नहीं है. बीजेपी हमारी एकता में फूट डालने और हार के डर से इस तरह के पैंतरे कर रही है. कांग्रेस का चैलेंज हैं कि बीजेपी ये सिद्ध करे कि ये पोस्टर उसने जारी नहीं किये हैं.