इन Airports पर फोटो-वीडियो लिया तो हो सकती है सजा, DGCA ने जारी किए सख्त निर्देश

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Photo video prohibited at airports-नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने भारत में हवाई यात्रा के संबंध में एक महत्वपूर्ण और सख्त कदम उठाया है। नए दिशा-निर्देश उन उड़ानों पर लागू होंगे जो भारत में सैन्य हवाई अड्डों से उड़ान भरती हैं या उतरती हैं। भारत की पश्चिमी सीमा के पास संवेदनशील हवाई अड्डों पर इस निर्देश का सख्ती से पालन किया जाएगा। इन Airports पर फोटो-वीडियो लिया तो हो सकती है सजा, DGCA ने जारी किए सख्त निर्देश

इसमें अमृतसर, जम्मू, श्रीनगर और जैसलमेर जैसे भारत की पश्चिमी सीमा के पास मौजूद संवेदनशील एयरबेस शामिल हैं। DGCA ने कहा है कि अब इन इलाकों से टेकऑफ या लैंडिंग के समय यात्रियों को विमान की खिड़कियों के पर्दे नीचे रखने होंगे। यह नियम तब तक लागू रहेगा जब तक विमान 10,000 फीट की ऊँचाई तक न पहुंच जाए या जमीन पर रुक न जाए। इन Airports पर फोटो-वीडियो लिया तो हो सकती है सजा, DGCA ने जारी किए सख्त निर्देश

DGCA का ये कदम देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।

पिछले कुछ सालों में देखा गया है कि कुछ यात्रियों ने इन सैन्य एयरबेस से उड़ान भरते वक्त खिड़की से बाहर के फोटो और वीडियो बना लिए और उन्हें सोशल मीडिया पर डाल दिया।

इन तस्वीरों में सेना की गतिविधियां, एयरबेस की बनावट, और दूसरे संवेदनशील हिस्से भी दिख गए।

इससे देश की सुरक्षा से जुड़ी जानकारी लीक होने का खतरा बढ़ गया। इसीलिए

DGCA ने तय किया कि टेकऑफ और लैंडिंग के समय खिड़कियों को ढंक कर रखा जाए ताकि कोई भी बाहर की तस्वीर न ले सके।

ये हैं वो हवाई अड्डे

अमृतसर हवाई अड्डा

जम्मू हवाई अड्डा

श्रीनगर हवाई अड्डा

जैसलमेर हवाई अड्डा

तस्वीरें खींचना और वीडियो बनाने पर पाबन्दी

DGCA ने साफ कहा है कि अब यात्रियों को इन सैन्य हवाईअड्डों पर या विमान के अंदर किसी भी तरह की फोटोग्राफी या वीडियोग्राफी करने की अनुमति नहीं होगी।

अगर कोई यात्री इस नियम को तोड़ता है, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

इसमें नागरिक उड्डयन नियमों के तहत जुर्माना या दूसरी सजा भी हो सकती है।

एयरलाइनों को कहा गया है कि वे यात्रियों को ये जानकारी फ्लाइट से पहले और दौरान बार-बार दें। इसके लिए केबिन क्रू को खास ट्रेनिंग दी जाएगी और उड़ान से पहले होने वाली घोषणाओं में भी इसका जिक्र होगा।

एयरलाइनों को क्या करना होगा?

अब एयरलाइनों को अपनी रूटीन प्रक्रिया में बदलाव करना होगा। उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि टेकऑफ और लैंडिंग के समय सभी खिड़कियों के पर्दे नीचे रहें. इसके लिए एयरलाइंस अपने ग्राउंड स्टाफ और केबिन क्रू को स्पेशल ट्रेनिंग देंगी। बोर्डिंग गेट पर और विमान के अंदर नोटिस बोर्ड या स्क्रीन के ज़रिए इस नियम की जानकारी दी जाएगी।
कुछ एयरलाइंस ने पहले से ही इन उपायों पर काम शुरू कर दिया है, जैसे कि फ्लाइट से पहले घोषणाओं में सुरक्षा नियमों को जोड़ना।

यात्रियों से ये है उम्मीद

सरकार और DGCA ने यात्रियों से अपील की है कि वे इस नियम को गंभीरता से लें और पालन करें।
यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे सैन्य एयरबेस से उड़ान के दौरान न तो फोटो लें और न ही वीडियो बनाएं।
यह नियम न सिर्फ उनकी खुद की सुरक्षा के लिए है बल्कि पूरे देश की रक्षा व्यवस्था की गोपनीयता बनाए रखने के लिए भी जरूरी है।
फ्लाइट के दौरान अगर किसी को कोई कन्फ्यूजन हो, तो वे तुरंत केबिन क्रू से बात करें।

सूत्रों के मुताबिक DGCA भविष्य में इस नीति को और कड़े रूप में लागू कर सकता है। अभी ये नियम सिर्फ सीमावर्ती और संवेदनशील एयरबेस पर लागू किया गया है, लेकिन बाद में इसे देश के और हवाई अड्डों पर भी लागू किया जा सकता है। साथ ही, ड्रोन उड़ाने और दूसरी हवाई गतिविधियों के लिए भी नए सुरक्षा नियम बनाए जा सकते हैं। डिजिटल युग में जब हर किसी के पास कैमरा होता है, ऐसे में ये कदम बहुत जरूरी हो गया है।

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