इंदौर जिला अदालत ने 11 साल पुराने मामले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को भाजपा कार्यकर्ताओं से मारपीट और
साथियों को उकसाने के जुर्म में ये फैसला सुनाया
इंदौर। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को अदालत ने एक साल की सजा सुनाई है। दिग्वविजय सिंह पर काले झंडे दिखाने वाले कर्यकर्ताओं से मारपीट का दोषी माना गया है।
ग्यारह साल पुराने मामले में जिला कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू समेत 6 लोगों को 1-1 साल की सजा और 5-5 हजार रुपए का जुर्माने की सजा सुनाई।
जिला कोर्ट के न्यायाधीश मुकेश नाथ ने 11 साल पुराने मारपीट के मामले में फैसला दिया। मामले में 3 अन्य आरोपियों को कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। देर शाम सभी दोषियों को कोर्ट ने 25-25 हजार रुपए के मुचलके पर जमानत भी दे दी। मामले में दिग्विजय सिंह ने कहा कि यह झूठा मामला है।
भाजपा कार्यकर्ताओं की पिटाई का मामला
मामला 17 जुलाई 2011 का है। तब उज्जैन में भाजयुमो के कार्यकर्ताओं ने एक कार्यक्रम में शामिल होने आए दिग्विजय सिंह और कांग्रेस के अन्य नेताओं को काले झंडे़ दिखाए थे।
इससे गुस्साए पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजयुमो कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की थी। इस दौरान भाजयुमो के अमय आप्टे गंभीर रूप से घायल हो गए थे। कांग्रेस नेताओं पर जानलेवा हमले की कोशिश का प्रकरण दर्ज हुआ था।
तीन कांग्रेसी बरी
जिला कोर्ट ने इस मामले में मुकेश भाटी, हेमंत चौहान और तराना विधायक महेश परमार को बरी कर दिया है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू, दिलीप चौधरी, जय सिंह दरबार, असलम लाला, अनंत नारायण मीणा को एक-एक साल की सजा और पांच-पांच हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया है।
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