Annual Legal Conclave 2025

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फिर राहुल के निशाने पर EC: बोले- भारत का इलेक्शन सिस्टम मर चुका है, 15 सीटों पर धांधली न होती तो मोदी PM नहीं होते

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Annual Legal Conclave 2025: कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने देश की चुनाव प्रणाली को लेकर एक बार फिर बड़ा बयान दिया है।

उन्होंने कहा कि भारत में अब चुनाव प्रणाली खत्म हो चुकी है और अगर लोकसभा चुनाव में 10-15 सीटों पर धांधली न हुई होती, तो नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री नहीं बनते।

राहुल गांधी ने चुनाव प्रणाली, चुनाव आयोग और सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि 2014 से ही उन्हें भारतीय चुनाव प्रणाली पर संदेह था।

लेकिन अब उनके पास ऐसे सबूत हैं, जो यह दिखा सकते हैं कि चुनाव में कैसे गड़बड़ियां की जाती हैं।

यह बयान राहुल ने दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित वार्षिक लीगल कॉन्क्लेव 2025 के दौरान दिया।

इस कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, अभिषेक मनु सिंघवी, प्रियंका गांधी, कर्नाटक सीएम सिद्धारमैया, तेलंगाना सीएम रेवंत रेड्डी, सलमान खुर्शीद समेत कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे।

महाराष्ट्र में फेक वोटर, 6 महीने में जुटाए सबूत

राहुल गांधी ने एक बड़ा दावा करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बीच एक करोड़ नए मतदाता जोड़े गए।

उन्होंने कहा कि यह बात संदेह पैदा करती है, क्योंकि चार महीने पहले जिन सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी, उन पर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पूरी तरह हार गई।

उनका दावा था कि इन नए वोटरों में से ज्यादातर वोट भाजपा को गए, जो एक साजिश का हिस्सा हो सकता है। एक ही व्यक्ति के नाम से फर्जी वोट डाले गए।

राहुल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की एक टीम ने छह महीने तक लगातार काम कर यह सबूत इकट्ठा किए हैं कि चुनाव में कैसे फर्जीवाड़ा होता है।

हमारे पास ऐसे दस्तावेज हैं जिन्हें देखने के बाद कोई भी समझ जाएगा कि चुनाव आयोग जैसी संस्था अब स्वतंत्र रूप से काम नहीं कर रही।

राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा की 12 सालों से लगातार हो रही बड़ी जीत पर सवाल उठते हैं।

उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि राजस्थान, मध्यप्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिलना हैरानी की बात है।

राहुल गांधी ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में कुछ जगहों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी, लेकिन 4 महीने बाद हुए विधानसभा चुनावों में वे वहीं से पूरी तरह हार गए।

उन्होंने कहा कि यह फर्क समझना जरूरी है क्योंकि यह साफ संकेत देता है कि कुछ गड़बड़ जरूर हुई है।

चुनाव प्रणाली और चुनाव आयोग पर आरोप

राहुल गांधी ने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए।

उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग मतदाता सूची जैसी जानकारी को स्कैन या कॉपी नहीं करने देता।

उन्होंने पूछा कि अगर चुनाव आयोग निष्पक्ष है, तो वह ऐसी सुरक्षा क्यों लगाता है जिससे जानकारी को सार्वजनिक रूप से साझा न किया जा सके?

बता दें, राहुल गांधी ने पिछले 10 दिनों में तीसरी बार इलेक्शन कमीशन पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि भारत का इलेक्शन सिस्टम मर चुका है।

राफेल डील और किसान आंदोलन का भी जिक्र

राहुल गांधी ने अपने भाषण में राफेल फाइटर जेट डील का भी जिक्र किया।

उन्होंने दावा किया कि उनके पास ऐसा दस्तावेज था जिससे यह साफ होता है कि प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने इस डील में दखल दिया था।

राहुल गांधी ने कहा, ऐसा दस्तावेज किसी भी लोकतांत्रिक देश की सरकार गिराने के लिए काफी होता, लेकिन भारत में कुछ नहीं हुआ।

वहीं, राहुल ने पुराने किसान आंदोलन को याद करते हुए कहा कि जब वे तीन कृषि कानूनों के खिलाफ खड़े हुए थे, तो दिवंगत भाजपा नेता अरुण जेटली ने उन्हें धमकी दी थी।

जेटली जी ने मुझसे कहा कि अगर आप सरकार का विरोध करते रहे, तो कार्रवाई की जाएगी। मैंने जवाब दिया – शायद आपको पता नहीं कि आप किससे बात कर रहे हैं।

जब राहुल गांधी मंच पर बोल रहे थे, तो उनके समर्थकों ने नारे लगाए – “देश का राजा कैसा हो, राहुल गांधी जैसा हो।

इस पर राहुल ने तुरंत कहा कि मैं राजा नहीं हूं और न ही बनना चाहता हूं। मैं इस सोच के ही खिलाफ हूं।

इससे पहले भी कई बार राहुल गांधी चुनाव आयोग पर आरोप लगा चुके हैं।

हालांकि आयोग ने कहा कि राहुल गांधी के आरोप निराधार हैं और चुनाव अधिकारी किसी दबाव में काम नहीं करते।

आयोग ने यह भी कहा कि सभी अधिकारी निष्पक्षता से काम कर रहे हैं और धमकियों से डरने की कोई जरूरत नहीं है।

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