राहुल गांधी अंबेडकर हॉस्टल के छात्रों के साथ संवाद करना चाह रहे थे। लेकिन जिला प्रशासन ने रोक दिया।

राहुल गांधी अंबेडकर हॉस्टल के छात्रों के साथ संवाद करना चाह रहे थे। लेकिन जिला प्रशासन ने रोक दिया।

अचानक लगी धारा 144…. राहुल गाँधी को आम्बेडकर हॉस्टल में छात्रों से संवाद करने से रोका

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कांग्रेस ने कहा ये दमनकारी कदम है, राहुल ने कहा बोलने नहीं दिया जा रहा

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NSUI’s education justice dialogue program-कांग्रेस नेता राहुल गांधी एनएसयूआई के शिक्षा न्याय संवाद कार्यक्रम में शामिल होने दरभंगा पहुंचे। उन्हें अंबेडकर हॉस्टर में छात्राओं के साथ संवाद करना था लेकिन जिला प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी। कांग्रेस नेताओं ने इसका विरोध और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। अचानक लगी धारा 144…. राहुल गाँधी को आम्बेडकर हॉस्टल में छात्रों से संवाद करने से रोका

जिला प्रशासन से अनुमति न मिलने बावजूद राहुल गांधी गुरुवार को दरभंगा के अंबेडकर छात्रावास पहुंचे। वे छात्रों से संवाद तो नहीं कर पाए, लेकिन उन्होंने मंच से छात्रों को संबोधित किया।

Rahul Gandhi’s Bihar visit-लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस के वरीय नेता राहुल गांधी के दरभंगा पहुँचने पर उनका भव्य स्वागत किया गया । राहुल गांधी अंबेडकर हॉस्टल के छात्रों के साथ संवाद करना चाह रहे थे। लेकिन जिला प्रशासन ने रोक दिया। कांग्रेस का कहना है कि इस कार्यक्रम की सारी तैयारी पहले ही की जा चुकी थी। लेकिन, अचानक प्रशासन ने अंबेडकर हॉस्टल में धारा 144 लागू कर दिया।

दरभंगा जिला प्रशासन ने अंबेडकर हॉस्टल में राहुल गांधी के कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी। इतना ही नहीं हमारे नेताओं और कार्यकर्ताओं को ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी परिसर से तीन किलोमीटर पहले ही रोक दिया। इससे विवाद बढ़ गया। राहुल गांधी काफिले को छोड़कर पैदल ही कार्यक्रम स्थल के लिए निकल पड़े गई। राहुल गांधी पैदल जाते समय सड़क किनारे खड़े लोगों से हाथ मिलाते हुए लोगों को अभिवादन स्वीकार किया है।

NSUI के शिक्षा न्याय संवाद कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे राहुल का संबोधन महज 12 मिनट में खत्म हो गया। इस दौरान उन्होंने अंबेडकर की तस्वीर भी लहराई। राहुल कार्यक्रम स्थल पर 15 मिनट रुके।

राहुल बोले- आपको बोलने नहीं दिया जा रहा

राहुल ने कहा कि ’24 घंटे अत्याचार हो रहा है। आपके खिलाफ पेपर लीक हो रहा है। आपको बोलने नहीं दिया जा रहा है। सही तरीके से जातीय जनगणना होना चाहिए।’

’90 प्रतिशत आबादी के लिए इस देश में कोई रास्ता नहीं है।

सीनियर ब्यूरोक्रेसी में आपके लोग जीरो,

डॉक्टर में आपके कितने लोग..जीरो,

एजुकेशन सिस्टम में आपके कितने लोग जीरो,

मेडिकल सिस्टम के मालिकों को देखो तो जीरो।’

‘मनरेगा की लिस्ट देखो तो सारे के सारे लोग आपके हैं। मजदूरों की लिस्ट निकालो तो आपके लोगों से भरी पड़ी है। सारा का सारा धन और ठेकेदारी 8-10 प्रतिशत लोगों के हाथों में जाता है।’

‘आपको इधर-उधर की बात सुनाकर ध्यान भटका दिया जाता है। लेकिन आपको एक साथ खड़ा होना है। बिहार की पुलिस ने मुझे रोकने की कोशिश की, लेकिन वे मुझे नहीं रोक पाई, क्योंकि आप सभी की शक्ति मेरे पीछे है। इसलिए दुनिया की कोई शक्ति नहीं रोक पाएगी।’

‘लोकसभा में हमने प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि आपको जाति जनगणना करनी पड़ेगी। संविधान को माथे से लगाना पड़ेगा। आपके दबाव से पीएम ने जातीय जनगणना कराने का ऐलान किया। लेकिन वो लोकतंत्र, संविधान और जाति जनगणना के खिलाफ हैं। यह अडानी-अंबानी की सरकार है।’

राहुल दलित- माइनॉरिटी कम्युनिटी के छात्रों से बातचीत करना चाहते थे, लेकिन प्रशासन ने उन्हें छात्रावास में बातचीत की परमिशन नहीं दी थी। उन्हें दरभंगा के टाउन हॉल में बातचीत की परमिशन दी गई थी, लेकिन राहुल टाउन हॉल ना जाते हुए पैदल छात्रावास ही पहुंचे। 5 मिनट के संबोधन के बाद सभा खत्म हो गई। बिहार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने कहा था ‘हम हर हाल में अंबेडकर छात्रावास जाएंगे।’

NSUI के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी ने कहा- ‘NDA की सरकार दलित विरोधी है। सरकार के दबाव में ही कार्यक्रम नहीं होने दिया जा रहा है।’

क्या है शिक्षा न्याय संवाद कार्यक्रम

कांग्रेस के मुताबिक, शिक्षा न्याय संवाद’ कांग्रेस का नया जनसंपर्क अभियान है। इसका मकसद बिहार में शिक्षा व्यवस्था की खराब स्थिति को उजागर करना है। शिक्षा संवाद में मिले फीडबैक के आधार पर कांग्रेस न्याय पत्र तैयार करेगी और ये बिहार चुनाव के मेनिफेस्टो का हिस्सा होगा।

कांग्रेस का यह ‘शिक्षा न्याय संवाद’ पहली बार है। इससे पहले कांग्रेस ने आज तक इस तरह का कार्यक्रम नहीं किया है। यह संवाद कार्यक्रम बिहार में डेढ़ महीने चलेगा। जहां अप्रूवल मिलेगा वहां शैक्षणिक संस्थानों में होगा और जहां अप्रूवल नहीं मिलेगा वहां कैंपस के गेट पर होगा।

संवाद के लिए 70 जगहों को चुना गया

कांग्रेस ने ‘शिक्षा न्याय संवाद’ कार्यक्रम के लिए पूरे प्रदेश में 70 जगह चुनी थीं। इसमें 35 टाउन और 35 हॉस्टल SC-ST हॉस्टल शामिल थे। राहुल के अलावा कांग्रेस के सांसद, विधायक, पूर्व मुख्यमंत्री, वर्तमान मंत्री अलग-अलग जिलों में संवाद करने वाले थे।

एआईसीसी के राष्ट्रीय मीडिया संयोजक अभय दुबे ने आरोप लगाया कि राज्य की सत्तारूढ़ जेडी(यू)-बीजेपी गठबंधन के इशारे पर यह दमनकारी कदम उठाया गया है।

दमनकारी कदम है ये

दुबे ने कहा कि दरभंगा में जिला कल्याण अधिकारी ने हमें पत्र लिखकर सूचित किया है कि वह 15 मई को कार्यक्रम के लिए अनुमति नहीं देंगे। कोई कारण नहीं बताया गया है। ऐसा लगता है कि यह राज्य की सत्तारूढ़ जेडी(यू)-बीजेपी गठबंधन के इशारे पर उठाया गया दमनकारी कदम है। कांग्रेस ने एक्स पोस्ट में लिखा कि आज नेता विपक्ष राहुल गांधी बिहार के दरभंगा में होने वाले ‘शिक्षा न्याय संवाद’ में छात्रों से मिलने वाले थे। लेकिन.. बिहार की ‘डबल इंजन’ सरकार से ये बर्दाश्त न हुआ। सरकार ने आयोजन स्थल पर पुलिस भेजकर तोड़फोड़ करवाई और छात्रों को जबरदस्ती वापस भेजा गया।

छीना जा रहा शिक्षा का अधिकार

पार्टी ने कहा कि बेहतर शिक्षा छात्रों का अधिकार है, उनके आगे बढ़ने और भविष्य संवारने का जरिया है, जिसे बिहार के छात्रों से लगातार छीना जा रहा है। हम इस अन्याय का पुरजोर विरोध करते हैं। छात्रों के साथ व छात्रों के हित में हमारी लड़ाई जारी है और जारी रहेगी। कांग्रेस ने साफ तौर पर कहा कि JDU-BJP की डरी-सहमी सरकार तानाशाही पर उतर आई है। सरकार ने अपनी पुलिस लगाकर राहुल गांधी जी को रोक लिया है।

क्या बिहार में दलित छात्रों से संवाद करना अपराध है?

क्या बिहार में छात्रों के न्याय के लिए आवाज उठाना गुनाह है?

ये तानाशाह सरकार चाहे कितना भी जोर लगा ले, हमारी आवाज को नहीं दबा सकती।

हम छात्रों को न्याय दिलाने के लिए लड़ते रहेंगे।

अन्याय को हारना होगा, न्याय की जीत होगी।

 

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