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महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (MGNREGA) अब बनेगा
‘विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) (VB-G RAM G) बिल, 2025’
मोदी सरकार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (MGNREGA) को खत्म कर नया ग्रामीण रोजगार कानून लाने जा रही है।
इसमें कुछ बदलाव के साथ सबसे बड़ी बात यह है कि इसका नाम बदला जा रहा है। मनरेगा के महात्मा गाँधी की जगह अब लेंगे ‘राम जी’
महात्मा गाँधी के नाम से शुरू हुए इस रोजगार योजना से महात्मा गाँधी का नाम हटा कर राम का नाम लाया जा रहा है।
अब इसका नाम ‘विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) (VB-G RAM G) बिल, 2025’ रखा गया है।
इधर कांग्रेस ने सरकार के फैसले का विरोध किया है। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने कहा कि महात्मा गांधी का नाम क्यों हटाया जा रहा।
इससे पहले 12 दिसंबर को खबर आई थी कि केंद्रीय कैबिनेट ने मनरेगा का नाम बदलकर पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना रखा है।
हालांकि, सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन सामने नहीं आया था।
बिल में स्पष्ट किया गया है कि पिछले 20 वर्षों में MGNREGA ने ग्रामीण परिवारों को रोजगार दिया, लेकिन गांवों में हुए सामाजिक-आर्थिक बदलावों को देखते हुए इसे और मजबूत करना जरूरी है।
नए कानून के तहत हर ग्रामीण परिवार को, जो बिना कौशल वाला काम करने को तैयार हो, हर साल 125 दिन का वेतनयुक्त रोजगार मिलेगा।
इसका मकसद विकसित भारत 2047 के लक्ष्य के अनुरूप गांवों का समग्र विकास करना है।
2047 तक विकसित भारत की राष्ट्रीय परिकल्पना के अनुरूप
ग्रामीण विकास ढांचा होगा स्थापित
जहाँ मनरेगा ग्रामीण परिवारों को 100 दिन मजदूरी की गारंटी देता है वहीँ
अब सरकार एक नया विधेयक ला रही है जिसमें कार्यदिवसों की संख्या बढाकर 125 कर दी गई है।
सरकार ने सोमवार को लोकसभा सदस्यों के बीच वह विधेयक प्रसारित किया।
मनरेगा हटेगा- अब 100 की जगह मिलेगी 125 दिन काम की गारंटी
सरकार ने सोमवार को लोकसभा सदस्यों के बीच वह विधेयक प्रसारित किया, जिसका उद्देश्य 2047 तक विकसित भारत की राष्ट्रीय परिकल्पना के अनुरूप ग्रामीण विकास ढांचा स्थापित करना है। विधेयक की प्रति के अनुसार, इसमें संसद में विकसित भारत-रोजगार एवं आजीविका मिशन (ग्रामीण) (ग्रामीण विकास मिशन) विधेयक, 2025 को प्रस्तुत करने और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, 2005 को निरस्त करने का प्रावधान है।
इस विधेयक का उद्देश्य विकसित भारत 2047 की राष्ट्रीय परिकल्पना के अनुरूप ग्रामीण विकास ढांचा स्थापित करना है, जिसके तहत प्रत्येक वित्तीय वर्ष में उन सभी ग्रामीण परिवारों को एक सौ पच्चीस दिनों के मजदूरी रोजगार की वैधानिक गारंटी प्रदान की जाएगी जिनके वयस्क सदस्य अकुशल शारीरिक श्रम करने के लिए स्वेच्छा से आगे आते हैं; ताकि एक समृद्ध और लचीले ग्रामीण भारत के
लिए सशक्तिकरण, विकास, अभिसरण और संतृप्ति को बढ़ावा दिया जा सके।
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