Andhra Pradesh Stampede: आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में स्थित काशीबुग्गा वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में बड़ा हादसा हो गया।
शनिवार को एकादशी के दौरान भगदड़ मचने से 10 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हुए हैं।
बताया जा रहा है कि मृतकों में अधिकांश महिलाएं हैं। अधिकारियों को आशंका है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।
घायल श्रद्धालुओं को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है।
हादसे के बाद मंदिर परिसर में अफरा-तफरी और भारी भय का माहौल देखने को मिला।
भारी भीड़ के दौरान धक्का-मुक्की की वजह से रेलिंग टूट गई। इससे भगदड़ मच गई।
आंध्र प्रदेश के वेंकटेश्वर मंदिर में बड़ा हादसा।भीड़ से हुई भगदड़ में कई मौत ।
देश में क्राउड मैनेजमेंट के नाम पर कुछ नहीं है । क्योंकि आम जीवन की कद्र नहीं है pic.twitter.com/pUbji7Icyx— Narendra Nath Mishra (@iamnarendranath) November 1, 2025
जानें कैसे हुआ हादसा?
शनिवार को कार्तिक मास की एकादशी होने के कारण मंदिर में सुबह से ही भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए इकट्ठा होने लगे।
दिन चढ़ने के साथ भीड़ बढ़ती गई और मंदिर के प्रवेश द्वार तथा सीढ़ियों पर लोगों का दबाव अचानक नियंत्रण से बाहर हो गया।
इसी दौरान, मंदिर परिसर की एक रेलिंग भीड़ के भार से टूट गई, जिससे कई लोग फिसलकर नीचे गिर पड़े।
देखते ही देखते धक्का-मुक्की शुरू हो गई और भगदड़ मच गई। चश्मदीदों के अनुसार, महिलाओं और बच्चों को सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ा।
कई वीडियो फुटेज में देखा गया कि लोग एक-दूसरे के ऊपर गिर रहे थे, कुछ लोग वहां से खुद को बचाने के लिए दूसरों के ऊपर चढ़कर भागने का प्रयास कर रहे थे।
कई महिलाएं बेहोश होकर गिर पड़ीं, जिन्हें राहगीरों और अन्य श्रद्धालुओं ने सुरक्षित स्थान पर ले जाने की कोशिश की।
आंध्र प्रदेश के वेंकटेश्वर मंदिर में भगदड़….
एकादशी पर ज्यादा भीड़ से रेलिंग गिरी श्रीकाकुलम स्थित कासीबुग्गा वेंकटेश्वर मंदिर में शनिवार को एकादशी के दौरान भगदड़ मचने से 10 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। शुरुआती जानकारी के अनुसार, भारी भीड़ के कारण रेलिंग गिर गई। घायल… pic.twitter.com/8k7wNfLl9K— Choudhary Jasveer singh (@CJsingh_) November 1, 2025
प्रशासन और मंदिर प्रबंधन पर सवाल
स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं ने आरोप लगाया कि मंदिर प्रशासन और सुरक्षा कर्मी भीड़ को नियंत्रित करने में असफल रहे।
एकादशी के दिन दर्शन के लिए हर साल भारी भीड़ उमड़ती है, ऐसे में भीड़ प्रबंधन की पर्याप्त व्यवस्था पहले से होनी चाहिए थी।
लेकिन इस बार मौके पर सुरक्षा और मार्गदर्शन देने वाले कर्मियों की संख्या कम बताई जा रही है।
हालांकि, प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि हादसा अचानक और अप्रत्याशित रूप से हुआ।
स्थिति को तुरंत नियंत्रित करने के लिए पुलिस और आपदा राहत दल को तैनात किया गया।
मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने जताया दुख
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने इस दुर्घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
उन्होंने कहा— काशीबुग्गा वेंकटेश्वर मंदिर में हुए हादसे में श्रद्धालुओं की मौत बेहद हृदयविदारक है।
मैं मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूँ और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।
శ్రీకాకుళం జిల్లాలోని కాశీబుగ్గ వెంకటేశ్వర ఆలయంలో తొక్కిసలాట ఘటన కలచివేసింది. ఈ దురదృష్టకర ఘటనలో భక్తులు మరణించడం అత్యంత విషాదకరం. మృతుల కుటుంబాలకు ప్రగాఢ సానుభూతిని తెలియజేస్తున్నాను. గాయాల పాలైన వారికి మేలైన సత్వర చికిత్స అందించాలని అధికారులను ఆదేశించాను. ఘటనా స్థలానికి వెళ్లి…
— N Chandrababu Naidu (@ncbn) November 1, 2025
सीएम चंद्रबाबू नायडू ने इस घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं।
साथ ही जिला प्रशासन को राहत और बचाव कार्य तेज करने, तथा घायलों को बेहतर चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के निर्देश दिए हैं।
स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं में आक्रोश
राज्य के कृषि मंत्री के. अचन्नायडू तुरंत मौके पर पहुँचे और अस्पतालों का निरीक्षण किया।
उन्होंने कहा कि सरकार सभी घायलों को निःशुल्क और सर्वोत्तम चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराएगी।
इसके साथ ही अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर भीड़ की आवाजाही को नियंत्रित किया गया है।
कुछ स्थानीय निवासी और मंदिर आने वाले भक्तों ने घटना को प्रशासनिक चूक बताया।
उनका कहना था कि एकादशी और कार्तिक मास की भीड़ हर वर्ष बढ़ती है, लेकिन सुरक्षा उपाय और मार्ग व्यवस्था नहीं सुधारी जाती।
यदि मंदिर के प्रवेश और निकास मार्गों पर भीड़ प्रबंधन के उचित इंतजाम होते तो यह हादसा टल सकता था।
मंदिर प्रबंधन और जिला प्रशासन का जवाब
आंध्र प्रदेश की गृह मंत्री अनीता ने बताया कि मंदिर में हर हफ्ते करीब 1500 से 2000 श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। आज एकादशी होने की वजह से श्रद्धालुओं की संख्या बहुत अधिक थी।
उन्होंने बताया कि मंदिर पहली मंजिल पर स्थित है और यहां जाने के लिए 20 सीढ़ियां हैं। इसी दौरान धक्का-मुक्की हुई और रेलिंग टूट गई, जिससे भगदड़ मच गई।
घटना के बाद मंदिर प्रबंधन और जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि आगामी धार्मिक आयोजनों में भीड़ नियंत्रित होकर दर्शन होंगे।
मंदिर परिसर में रेलिंग और पैदल मार्गों को मजबूत किया जाएगा। अधिक संख्या में पुलिस और स्वयंसेवक तैनात किए जाएंगे।
CCTV और घोषणा प्रणाली को बढ़ाया जाएगा। अस्पताल में भर्ती घायल श्रद्धालुओं की स्थिति पर मेडिकल टीम सतत निगरानी रख रही है।
पुलिस ने मृतकों की पहचान प्रक्रिया शुरू कर दी है और परिजनों से संपर्क किया जा रहा है। वहीं, मंदिर परिसर में अगले कुछ घंटों तक प्रवेश सीमित कर दिया गया है।
