Cough Syrup Death Case: कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने से बच्चों की हुई मौत के मामले में अब सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच की मांग को खारिज कर दिया है।
शुक्रवार को हुई सुनवाई में शीर्ष अदालत ने वकील विशाल तिवारी द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की।
अदालत ने कहा इस मामले में पहले से ही राज्य स्तरीय जांच चल रही है, इसलिए फिलहाल सीबीआई या राष्ट्रीय न्यायिक आयोग के तहत नई जांच की जरूरत नहीं है।
फिलहाल, कोल्ड्रिफ कप सिरप पीने से छिंदवाड़ा, बैतूल और पांढुर्णा में अब तक बच्चों की मौत का आंकड़ा 25 तक पहुंच गया है।
सुप्रीम कोर्ट में क्या थी मांग
वकील विशाल तिवारी ने 7 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कुछ मांगें उठाई थी।
इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में गठित राष्ट्रीय न्यायिक आयोग या सीबीआई के एक्सपर्ट पैनल से कराई जाए।
केंद्र सरकार को ड्रग रिकॉल पॉलिसी और टॉक्सिकोलॉजिकल सेफ्टी प्रोटोकॉल तैयार करने का निर्देश दिया जाए।
देशभर में दर्ज सभी एफआईआर को एक जगह ट्रांसफर कर, पूर्व न्यायाधीश की निगरानी में जांच हो।
आरोपी कंपनी श्रीसन फार्मास्युटिकल की दवाओं की बिक्री और वितरण पर तत्काल रोक लगे।
CDSCO को देशभर में फार्मास्यूटिकल दवाओं में डाय एथिलीन ग्लायकॉल (DEG) और एथिलीन ग्लायकॉल (EG) की जांच के सख्त आदेश दिए जाएं।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के बाद इसे खारिज कर दिया।
अदालत ने कहा कि इस मामले में राज्य सरकार द्वारा बनाई गई स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (SIT) जांच कर रही है, इसलिए डुप्लिकेट जांच की कोई जरूरत नहीं।
रंगनाथन की आज कोर्ट में पेशी
इधर, श्रीसन फार्मास्युटिकल के मालिक गोविंदन रंगनाथन को लेकर SIT की टीम शुक्रवार सुबह परासिया पहुंची।
आरोपी की ब्लड प्रेशर की समस्या सामने आई तो पुलिस ने तत्काल डॉक्टर को बुलवाकर जांच कराई।
फिलहाल उसे पुलिस अभिरक्षा में परासिया थाने में रखा गया है और दोपहर 2 बजे के बाद परासिया कोर्ट में पेश किया जाएगा।
छिंदवाड़ा पुलिस ने बताया कि कोर्ट परिसर और आस-पास के क्षेत्रों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
कोर्ट में पेशी के दौरान किसी अप्रिय घटना को रोकने के लिए तामिया, दमुआ, उमरेठ, रावनवाड़ा और परासिया थानों से करीब 90 जवानों की तैनाती की गई है।
बच्चों की मौत का कारण बने कोल्ड्रिफ कफ सिरप बनाने वाली कंपनी श्रीसन फार्मा के मालिक और डायरेक्टर गोविंदन रंगनाथन ही है।
जिस पर 20 हजार रुपए का इनाम था। आरोपी को एसआईटी ने बुधवार और गुरुवार की दरमियानी रात तमिलनाडु के चेन्नई से गिरफ्तार किया था।
एमपी सरकार द्वारा गठित SIT ने रंगनाथन को गुरुवार को कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने उन्हें ट्रांजिट रिमांड पर सौंप दिया।
इसके बाद SIT के सदस्य चेन्नई से रंगनाथन को लेकर नागपुर के लिए रवाना हुए थे। गुरुवार रात को आरोपी को फ्लाइट से नागपुर एयरपोर्ट लाया गया।
सुबह करीब 6 बजे जैसे ही फ्लाइट नागपुर उतरी, टीम ने आरोपी को दौड़ाते हुए बाहर निकाला और कार में बैठाकर छिंदवाड़ा की ओर रवाना हो गई।
बताया जा रहा है कि गिरफ्तारी से पहले SIT ने चेन्नई में कई जगह छापेमारी की थी। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा गठित SIT में 12 सदस्य शामिल हैं।
इनमें छिंदवाड़ा पुलिस के 6 अधिकारी, एक साइबर एक्सपर्ट, और दवा विश्लेषण विशेषज्ञ शामिल हैं। टीम को पूरे मामले की तह तक जाकर जांच करने का जिम्मा दिया गया है।
ऐसे आरोपी की पैरवी नहीं करेंगे- अधिवक्ता संघ
छिंदवाड़ा और परासिया में बच्चों की मौतों को लेकर स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है।
पुलिस ने कोर्ट परिसर और अस्पताल के आसपास अतिरिक्त बल तैनात किया है।
लोगों की मांग है कि आरोपी को कड़ी सजा दी जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो।
वहीं, छिंदवाड़ा और परासिया के वकीलों ने आरोपी रंगनाथन की कोर्ट में पैरवी करने से इनकार कर दिया है।
परासिया अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष ने कहा, हम किसी ऐसे व्यक्ति की पैरवी नहीं करेंगे जिसकी लापरवाही से मासूम बच्चों की जान गई है।
अगर कोई बाहरी वकील उसकी पैरवी करने आता है, तो यहां के अधिवक्ता उसका भी विरोध करेंगे।
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