शिवराज ने कहा कि कमल नाथ सरकार में 165 दिन में 450 आइएएस- आइपीएस के तबादले किए। 15 हजार से ज्यादा कर्मचारियों के तबादले किए गए। वल्लभ भवन दलालों का अड्डा बन गया था। मुख्यमंत्री के ओएसडी का वीडियो वायरल हुआ, उसके कारण भ्रष्टाचार की विष बेल फैली।
भोपाल। विधानसभा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर अपना जवाब पेश करते हुए कांग्रेस पर करारा हमला बोला। मुख्यमंत्री ने कहा- आपने पांच महान काम किए। इस पर विधायक लक्ष्मण सिंह ने टोकते हुए कहा कि अविश्वास पर जवाब दें।
शिवराज ने फिर कहा- कभी कलेक्टर-एसपी की पोस्टिंग में पहले पैसे नहीं लिए गए। लेकिन, कमलनाथ जी की सरकार में पैसे लेकर कई अधिकारी बदले गए। तीन-तीन कलेक्टर बदले। बात ये होती थी कि कौन कितने ज्यादा देने वाला है।
प्रदेश के इतिहास में पदों की बंदरबांट की गई। अभी इसकी जांच चल रही है। इस बयान पर खरगोन की कसरावद सीट से विधायक सचिन यादव ने कहा कि इनके पास प्रमाण हैं क्या? सीएम ने जवाब देते हुए कहा- मामला लोकायुक्त में चल रहा है।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने कहा- हर बार ये कहा जाता है कि हमने सरकार गिराई। 11 दिसंबर को रात में कांग्रेस 110-112 सीटों पर आगे थी। रात में ये निश्चय करके सोया था कि सुबह इस्तीफा दे दूंगा।
कई मित्रों का कहना था कि बहुमत तो उनका नहीं है। मैं सीएम हाउस में था। भूपेंद्र जी आए। मुझे जोर देकर कहा गया कि इस्तीफा नहीं देना है, लेकिन मैंने कहा कि मेरा जमीर अनुमति नहीं देता। कांग्रेस की संख्या ज्यादा है। मैं सीधे घर से निकला और मीडिया से कहा कि मैं इस्तीफा देने जा रहा हूं।
शिवराज के जवाब के बाद सदन में अविश्वास प्रस्ताव ध्वनिमत के आधार पर खारिज हो गया। इसके बाद सदन की कार्रवाई अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई।
इससे पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष के आरोपों की धज्जियां उड़ाते हुए कहा कि ऐसा लचर अविश्वास प्रस्ताव मैंने तो देखा ही नहीं है। अगर अविश्वास की बात करें तो कांग्रेस में कौन, किस पर विश्वास करता है समझ में ही नहीं आता है।
हम पर आरोप लगाए जाते हैं कि हमने सरकार गिराई। 11 दिसंबर 2020 को मतगणना का दिन था। रात के 2:00 बजे तक हमने चुनाव परिणाम देखें और जो परिणाम आए उसमें हमारी 109 सीटें थी कांग्रेस की 114 सीटें थी। रात में मैं निश्चय करके सोया था कि सुबह ही मैं इस्तीफा दे दूंगा।
शिवराज ने कहा कि कमल नाथ सरकार में 165 दिन में 450 आइएएस- आइपीएस के तबादले किए। 15 हजार से ज्यादा कर्मचारियों के तबादले किए गए। वल्लभ भवन दलालों का अड्डा बन गया था। मुख्यमंत्री के ओएसडी का वीडियो वायरल हुआ, उसके कारण भ्रष्टाचार की विष बेल फैली।
पूरे प्रदेश में त्राहि-त्राहि मच गई थी। हकीकत यह है कि सिंचाई के लिए पाइप लाइन की गुणवत्ता से भी कांग्रेस सरकार ने खिलवाड़ किया था। नियम, शर्तों से भी खिलवाड़ किया। घटिया गुणवत्ता की सामग्री का उपयोग कर पैसों की बंदरबांट हुई थी।
कांग्रेस सरकार ने भाजपा के विधायकों, नेताओं से बदले की भावना से नियम विरुद्ध जाकर कार्रवाई करने की कोशिश की। संपत्तियों को नेस्तनाबूद करने का कुचक्र रचा, कई दुकानें तोड़ी गईं। हमने राजनीतिक विद्वेष में कभी कोई कार्रवाई नहीं की। प्रदेश को अपराध मुक्त बनाने के लिए गुंडे, माफिया, बदमाशों पर कार्रवाई की, उनकी अवैध संपत्तियों को तोड़ा। लेकिन कांग्रेस सरकार ने भाजपा को निशाना बनाया था।
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