क्रांतिकारी दलित संघर्ष मोर्चा ने दर्ज कराई आपत्ति, भाकपा को भी है ऐतराज
सीहोर। हाईकोर्ट ने जाति सुचक शब्दों को सरकारी और गैर सरकारी दस्तावेजों में से समाप्त करने के आदेश दिए है। कोर्ट के आदेश को दरकिनार कर जिला निर्वाचन कार्यालय से प्रकाशित मतदाता सूचियों में हरिजन शब्द का इस्तमाल किया गया है। क्रांतिकारी दलित संघर्ष मोर्चा सहित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने भी सार्वजनिक सूचियों में हरिजन शब्द के उपयोग पर ऐतराज जता कर सूची को दुरूस्त करने और संबंधित अधिकारियों कर्मचारियों पर एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा कायम करने की मांग की है।
क्रांतिकारी दलित संघर्ष मोर्चा के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य एवं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विधानसभा प्रत्याशी माखन सिंह सोलंकी ने बताया की बीते साल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी जिस में हरिजन लिखने पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए कोर्ट से हरिजन शब्द के स्थान पर अनुसुचित जाति शब्द लिखने के आदेश जारी करने की अपील की गई थी कोर्ट सभी दलिलों को सुनने के बाद हरिजन शब्द नहीं लिखने के आदेश जारी किए है।
अधिकारियों की लापरवाहीं
जिले की सीहोर विधानसभा क्षेत्र के भाकपा प्रत्याशी श्री सोलंकी को जिला निर्वाचन कार्यालय से मतदाता सूची प्राप्त हुई है जिस में ग्रामीण क्षेत्र के 25 मतदान केंद्रों में हरिजन मोहल्ला लिखा गया है जिस से अनुसुचित जाति वर्ग के जागरूक कार्यकर्ताओं में आक्रोश पनप रहा है।
इन के लिए वर्जित शब्द का उपयोग
मतदान केंद्र बासिया,श्यामपुर, पान बिहार, बर्री, बरखेड़ा देवा, सोंठी, हिनौती, मंडखेड़ा, सौनकच्छ, बरखेड़ा खरेट, दोराहा, झरखेड़ा, कादमपुर, कातराबाद, गुलखेड़ी, मुख्तयार नगर, मुहाली, खजुरिया खुर्द, धोबी खेड़ी, रायपुरा, कौडिय़ा छीतू, जाखा खेड़ी, जानपुर बाबडिय़ा, मुगांवली शामिल है।
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