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Teacher arrested for sexually harassing girl students-हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के एक सरकारी स्कूल में 24 छात्राओं का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में एक शिक्षक को
गिरफ्तार किया गया है।
आठवीं से दसवीं कक्षा की छात्राओं ने स्कूल के प्राचार्य से उत्पीड़न की शिकायत की थी जिसके बाद स्कूल प्रशासन ने पुलिस को सूचना दी और शिक्षक को गिरफ्तार किया गया।
स्कूल प्रशासन ने बताया कि शुक्रवार को 24 छात्राओं ने प्राचार्य को लिखित शिकायत दी जिसमें आरोप लगाया गया था कि शिक्षक ने उन्हें गलत तरीके से छुआ है।
स्कूल प्रशासन ने बताया कि शिकायत को स्कूल की यौन उत्पीड़न रोधी समिति को भेज दिया गया था।
उन्होंने बताया कि शनिवार को छात्राओं के अभिभावकों को बैठक के लिए बुलाया गया और पाया गया कि उनमें से
अधिकतर को अपनी बच्ची के उत्पीड़न के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया गया है।
सर गलत तरीके से छूते थे- हिमाचल के सिरमौर में 24 छात्राओं ने यौन उत्पीड़न की शिकायत की, शिक्षक गिरफ्तार
उसके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 75 (यौन उत्पीड़न) और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के संबंधित प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।
क्या है धारा 75 में यौन उत्पीड़न की परिभाषा:
किसी व्यक्ति से अवांछित यौन प्रस्ताव करना या उसे यौन एहसास के लिए मजबूर करना.
बिना सहमति के किसी व्यक्ति से शारीरिक संपर्क करना.
किसी व्यक्ति की इच्छा के विरुद्ध अश्लील साहित्य दिखाना.
किसी व्यक्ति के प्रति यौन रूप से टिप्पणी करना.
धारा 75 के अंतर्गत सजा:
गंभीर मामलों में तीन साल तक की कठोर कारावास, जुर्माना या दोनों।
केवल टिप्पणी के लिए- एक साल तक की सजा, जुर्माना या दोनों।
यह धारा केवल पुरुष आरोपी पर लागू होती है।
यह धारा सभी स्थानों पर लागू होती है, चाहे वह सार्वजनिक हो, निजी हो, डिजिटल माध्यम हो या कोई पेशेवर जगह।
यदि पीड़िता को वह हरकत अनुचित लगी और उसने असहज महसूस किया, तो आरोपी की मंशा नहीं बल्कि उसका असर ज़्यादा मायने रखता है।
पीड़िता सीधे एफआईआर दर्ज करवा सकती है।
POCSO अधिनियम
POCSO अधिनियम का पूरा नाम Protection of Children from Sexual Offences Act (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम) है।
यह 2012 में बनाया गया था।
यह अधिनियम 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को यौन शोषण, उत्पीड़न और अश्लील सामग्री से बचाने के लिए बनाया गया है।
यह एक कठोर कानून है जो लड़के और लड़कियों दोनों को समान रूप से सुरक्षा प्रदान करता है।
POCSO अधिनियम के मुख्य प्रावधान:
बच्चों को यौन अपराधों से सुरक्षा:
अधिनियम 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को यौन शोषण, उत्पीड़न और अश्लील सामग्री से बचाता है।
सख्त सजा:
POCSO अधिनियम के तहत, यौन अपराधों के दोषियों को कठोर सजा दी जाती है, जिसमें आजीवन कारावास और मृत्युदंड तक शामिल हैं।
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